यह है एक अनोखा परिवार: जो बाजार से खरीदता है सिर्फ साबुन नमक और चाय!

in anokh •  7 years ago 

कोल्हापुर (महाराष्ट्र), 22 जुलाई: किसानों की समस्याओं के बारे में अब तक बहुत कुछ लिखा गया है। हमारे किसानों को ऋण जाल से बाहर लाने के लिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि, न्यूनतम समर्थन मूल्य, सब्सिडी, ऋण की आसान उपलब्धता, ऋण छूट आदि।

हालांकि ये सभी सुझाव उचित हैं, लेकिन कोई भी एक किसान को स्वतंत्र बनाने के बारे में बात नहीं करता है कोई भी यह नहीं बताता है कि देश को खिलाने से पहले एक किसान अपने परिवार का पालन कैसे कर सकता है।

कोघे गांव के लहू सावबा मोरे ने अपने खेत में सब कुछ उगाने का फैसला किया, जो उसके परिवार के लिए जीवित रहने की आवश्यकता की चीजे है। उनका 19 लोगों का परिवार है जो अपने 12 एकड़ जमीन पर सब कुछ उगाता है। वे केवल चाय, नमक और साबुन को ही नजदीकी किराणा दुकान से खरीदते हैं।

अत्यधिक उपजाऊ जमीन होने के कारण तिल के बीज, खसखस ​के बीज भी उगाते है, जो कि पूरे वर्ष में खाने मे खत्म न हों। यहां फल, तिलहन, अनाज और दालें भी उगाई जाती हैं।

संयुक्त परिवार मे रहने वाले मोरे फेमिली के लोग आंवला से जैकफ्रूट तक सब कुछ उगाते है। ताजे और ओर्गेनिक रूप से

विकसित सब्जियां उनके दैनिक आहार का एक हिस्सा होती हैं, चूंकि वे खेती की जैविक पद्धति का उपयोग करते हैं। परिवार का हर सदस्य खेत पर काम करता है।

मोरे परिवार 12 एकड़ जमीन पर आसानी से गन्ना ले सकते थे और 19 लोगों के परिवार को खिलाने के लिए पर्याप्त कमाया सकते थे,लेकिन परिवार स्वयं पर निर्भर होने के लिए विभिन्न फसलों की खेती कर रहा है। गन्ने पर बल देने के बजाय, उन्होंने विभिन्न प्रकारों पर जोर दिया ताकि उन्हें बाजार से कुछ भी खरीदना न पड़े।

वे मैदान में गन्ने का उत्पादन करते हैं, लेकिन गेहूं, बाजरा, चावल, तूर, मूंग, उदंड, आलू, अनाज और धान्य भी साथ में लगाते हैं। गोभी, फूलगोभी, बैंगन, मिर्च, हरी बीन्स, भींडी, शिमला मिर्च, ग्वार, गायपाई (चावला), पालक, मेथी, पोकाल और धनिया जैसे बडे प्रकार की सब्जियों खेत पर उगाते हैं।

उन्होंने ककड़ी, कद्दू और लौकी के साथ-साथ केले, पपीता, तरबूज, नारंगी, अनार, राफल, कस्टर्ड सेब, काजू, चिकू, आम, आमला, जामुन और अमरूद जैसे फल भी अच्छी तरह से लगाए हैं।

एक स्वास्थ्य पूरक के रूप में, मोरे परिवार नींबू घास, नीले ग्रास, कपूर ग्रास, कृष्ण ग्रास, आदुलसा, ऐलोवेरा, चंदन, गठरी और अजवायन के फूल उगाते है। गुलाब, शेवन्ती, मैरीगोल्ड, प्लुमेरिया जैसे पूजा फूल की भी खेती करते हैं। दो आम के पेड़ इतने उपज देते हैं कि परिवार के बच्छे आम खाने से ऊब हो जाते हैं।

यह बात हुई मोरे परिवार के शाकाहारी बाग की पर जब परिवार के लोग शाकाहार से उब जाते है तो उन्होने मछ्ली पालन भी किया हुआ है,अगर कोई मछ्ली खाके भी उब जाये तो मुर्गी पालन भी किया हुआ है जो चिकन और अंडा देने मे काम आता है, मोरे परिवार गोबर गैस का उपयोग खाना बनाने मे करते है।

परिवार अपने ही क्षेत्र में उगने वाले सूरजमुखी से तेल निकालता है। उन्हें नारियल से भी तेल मिलता है,

साबुन, नमक और चाय को छोड़कर, अधिकत्तर पौष्टिक आहार के साथ आमदनी का सब कुछ अपने खेत मे उगाते है।

जो भी परिवार की ज़रूरत होती है, उसको छोड बाकी सब कुछ वे बाजार मे बेच देते है,त्योहार के समय परिवार मेरी गोल्ड फुल को बाजार को बेचते हैं।

उन्हें दो भैंस और गाय से पर्याप्त दूध भी मिलता है। अतिरिक्त दूध भी डेयरी को भेजा जाता है। वे अपनी खेती की जरूरतों के लिए सभी पारंपरिक उपकरणों का उपयोग करते हैं, जिससे अन्य कोई खर्च नही होता।

समाचार स्त्रोत- सकाळ न्यूज सर्विस

चर्चित विषय

​पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने से पुष्पा खुबालकर बनी एक आदर्श किसान...
देश में 16 प्रदेश करते हैं लीची का उत्पादन, बिहार है अग्रणी प्रदेश ...
यह किसान एक एकड़ से बेचता है 4.5 लाख का गुड़ अपने खेत पर कोल्हू लगाकर खुद ही करते हैं गन्ने की पिराई, हाथों-हाथ होती है गुड की बिक्री ...
मध्य प्रदेश में बिजली व खाद उत्पादन के लिए इस्तेमाल होंगे सड़े हुए प्याज...
14 जुलाई तक देश भर में 73.4 लाख हेक्टेयर में हुई सोयाबीन की बुवाई...
आईएमडी ने जारी की 24 जुलाई तक गंभीर मौसम की चेतावनी ...
कृषि तकनीक: मशीन द्वारा धान रोपाई से कम खर्च में मिलता है अधिक उत्पादन...
हैफेड ओर वीटा की मार्फत अब रेल में भी बिकेंगे हरियाणा के कृषि उत्पाद ...
संसद में उठी जीएसटी कांऊसिल की तर्ज पर एक कृषि कांउसिल बनाने...

Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
Sort Order:  

बहुत ही मेहनती परिवार ह ये