मानसून को सक्रिय हुए लगभग डेढ़ महीना बीत चुका है, इस दौरान कहीं कहीं बाढ़ जैसे हालत बने हैं तो कहीं आज भी सूखे जैसी स्थिति बरकरार है। वैसे तो मॉनसून एक बार लगभग पूरे देश को छू चुका है, लेकिन अब उत्तर व मध्य भारत में कई जगह ठहराव जैसी स्थिति बन रही है। बारिश का वितरण समान न होने से मॉनसून के प्रति किसानों की शिकायत भी बनी हुई है।
हालांकि आईएमडी द्वारा जारी पूर्वानुमानों के अनुसार आने वाले दिनों में मॉनसून के सक्रिय बने रहने की ऊमीद है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली व एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ जगह पर जम कर बारिश हुई है, लेकिन पूरे उत्तर भारत पर एक साथ छा कर बरसने वाले बादलों का अभी तक अभाव ही है।
उत्तर प्रदेश में भी मॉनसून की सक्रियता रूक रूक कर ही देखने को मिल रही है। बीते दिनों पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश दर्ज की गई थी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुई 3% कम बारिश
स्काइमेट के अनुसार 1 जून से अब तक पूर्वी भागों में सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश कुछ दिनों से सूखा पड़ा है जिससे यहाँ बारिश के आंकड़ों में कमी आ रही है। पश्चिमी भागों में सामान्य से 3 फीसद कम वर्षा हुई है।
हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद में 24 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मेरठ और फुरसतगंज में 4 और बहराइच में 2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
राजस्थान के उदयपुरवाटी में रही सर्वाधिक सक्रियता
राजस्थान से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होते हुए बंगाल खाड़ी तक बीते दिनों से बनी ट्रफ उत्तरवर्ती हो रही है। राजस्थान के उदयपुरवाटी जिले में इस बार मानसून सर्वाधिक उदयपुरवाटी इलाके में मेहरबान रहा। एक जून से लेकर 20 जुलाई तक के आंकड़े बताते हैं कि जिले में सर्वाधिक 224 एमएम बारिश इसी इलाके में हुई है। इसके बाद सर्वाधिक 223 एमएम बुहाना इलाके में हुई है।
Sir Manson is very complicated. For farmer. Bcs india agriculture is mostly depend on rain
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