मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बुवाई क्रमश: 10.6% और 3.1% कम दर्ज की गई।
पर्याप्त नमी की कमी के कारण, अकोला, अमरावती, परभाणी, यवतमाल, सांगली और लातूर जैसे महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सोयाबीन की फसल के लिए स्थितियां नाजुक हो गई है। इस साल उत्पादन 20-25% तक गिर सकता है।
दूसरी ओर, मौजूदा खरीफ सीजन में सोयाबीन की विफलता ने महाराष्ट्र के किसानों को बीटी कपास की ओर मोड़ दिया है। महाराष्ट्र में कपास की खेती बढ़ कर 41.1 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो देश में सबसे ज्यादा है।
केंद्रीय मंत्रालय ने कच्चे तेल और परिष्कृत खाद्य तेल दोनों पर आयात
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