कमल कुंभार महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के एक छोटे से गांव हिंगल्जवाडी की एक साधारण महिला हैं। लेकिन यह साधारण महिला अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की असाधारण कहानी कहने के लिए जल्द ही न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का दौरा करेगी।
न केवल कमल गरीबी से बाहर निकलने में कामयाब हुईं, बल्कि, उन्होंने 4,000 से भी अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। हाल ही में उनकी उपलब्धि को केंद्र सरकार की योजना निर्माण समिति, नीति अयोग द्वारा भी मान्यता प्रदान की गई। नई दिल्ली में केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें 'वूमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड' से सम्मानित किया।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने 'वूमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड' के लिए इस साल पूरे देश से छह महिलाओं को नामांकित किया था। कमल कुंभार उनमें से एक थीं।
कमल ने कंगन बेचकर आत्मनिर्भरता की दिशा में अपना सफर शुरू किया था। लेकिन इतना ही काफी नहीं था। उन्होंने पोल्ट्री बिजनेस में उतरने के बारे में सोचा। कमल के पास एक एकड़ जमीन थी। कमल पोल्ट्री में कृषि व्यवसाय शुरू करना चाहती थी, लेकिन इसके लिए उन्हें नियमित खेती करनी पड़ी। कमल ने अनुबंध के आधार पर पांच एकड़ जमीन ली और पोल्ट्री बिजनेस शुरू कर दिया। 'स्वयं शिक्षण प्रयोग' नामक संस्थान ने इस प्रयोग में कमल की मदद की।
कमल ने मुर्गे की 'कडकनाथ' किस्म पालना शुरू किया। इस किस्म का एक अंडा 50 रुपये में बिकता है और मुर्गे की कीमत लगभग 1,000 रुपये होती है। इस व्यवसाय के जरिए उन्हें प्रति माह 1 लाख रुपये से 1.5 लाख रुपये की आमदनी होती थी। इसके बाद कमल ने बकरी पालना शुरू किया। इसके साथ ही कमल ने एक कृषि तालाब भी बनवाया जिससे उन्हें कृषि और चारा उगाने के लिए पर्याप्त पानी मिलने लगा।
आज, कमल कुंभार आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन गई हैं। इसके बाद उन्होंने अपने गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर ध्यान केंद्रित किया। उनके प्रयासों के चलते 4,000 से भी अधिक महिलाओं ने अपना खुद का कृषि व्यवसाय शुरू कर दिया है।
अपने पैरों पर महिलाओं को खड़ा करने के लिए कमल पूरे महाराष्ट्र की यात्रा करती हैं। कमल ने केवल 10 कक्षा तक पढ़ाई की है लेकिन फिर भी कमल को मार्केटिंग की इतनी अच्छी जानकारी है कि बिजनेस मार्केटिंग का अध्ययन कर चुके पेशेवर भी कमल के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते हैं। कमल का मानना है कि वास्तविक दुनिया के माध्यम से प्राप्त अनुभव औपचारिक डिग्री होने से अधिक महत्वपूर्ण है।
कमल न्यूयॉर्क जाएंगी
कमल कुंभार 13 सितंबर को न्यूयॉर्क जा रही हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने उनके द्वारा किए गए काम और उनके स्वयं सहायता समूह के काम का संज्ञान लिया है। कमल संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिया जाने वाला 'इक्वेटर' अवार्ड भी ग्रहण करेंगी।
कमल ने यह साबित कर दिया है कि अगर कोई महिला ठान ले, तो वह सचमुच क्रांति ला सकती है। वह कभी भी किसी भी काम को नीच नहीं मानती हैं, बल्कि पूर्ण समर्पण के साथ प्रत्येक कार्य करने का प्रयास करती हैं। यही कारण है कि उनका काम हमेशा सबसे अच्छा रहा है।
कमल ने शपथ ली है कि वह सूखा प्रभावित मराठवाड़ा क्षेत्र में महिलाओं के उत्थान के लिए अपनी पूरी जिंदगी काम करती रहेंगी और
इस व्यवसाय में जो नर चूजे पैदा होते हैं उनका क्या किया जाता है?
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सर इसके बारे में पता करना पड़ेगा
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आप इस व्यवसाय के बारे में लिख रहे हैं और आपको पता ही नहीं?
नर चूजों को जिन्दा ग्राइंडर में पीस कर पालतू जानवरों ख़ास कर कुत्ते बिल्लियों का खाना (pet food) बनाया जाता है.
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