कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान है। इस पर्व को सूर्य षष्ठी व्रत के रूप में मनाया जाता है। इस बार ये व्रत 13 नवंबर, मंगलवार को है। धर्म ग्रंथों में भगवान सूर्य को प्रत्यक्ष देवता कहा गया है यानी वो देवता जो हमें दिखाई देते हैं। शास्त्रों के अनुसार, सूर्यदेव की उपासना से ज्ञान, प्रसिद्धि, वैभव, ऐश्वर्य व जीवन का हर सुख मिल सकता है। सूर्य षष्ठी व्रत के अवसर पर हम आपको उन देवता, वीरों व महापुरुषों के बारे में बता रहे हैं, जो सूर्यदेव के उपासक रहे हैं।
धर्मग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी भगवान शिव के अवतार थे। इनके पिता का नाम केसरी व माता का नाम अंजनी था। हनुमानजी ने सूर्यदेव से ही वेदों व शास्त्रों की विद्या ग्रहण की थी। सूर्यदेव द्वार दी गई शिक्षा से ही हनुमान ज्ञानी व भगवान श्रीराम के परम भक्त हुए।