पर्वतारोहन का आरंभ युरोप मे हुआ था. पहेला आरोहान “माउट ब्लाक ” पर किया गया था. आज के पर्वतारोहन कि प्रव्ृति को आधुनिक स्वरुप देने का स्रेय युरोप के देशो को जाता है।
२०० वर्ष से ३०० वर्ष पेहले युरोप के जीनीवा के एक वैज्ञानिक ने विग्यापन किया कि जो ईन्सान आल्पस् रेन्ज के माउन्ट ब्लांक पे आरोहन करेगा उसे (१००लीस्टर) का ईनाम दिया जायेगा.ईस बात से प्रेरित होकर युवाओ ने तरह तरह के ईक्युपमेन्ट बनाकर माउन्ट ब्ला पर आरोहन करने की कोशिश की गई.
८ ओगष्ट १७८६ में रोज माईकल पीकर्ड ओर लावोस बालमोन्टो माउन्ट ब्लाक पर पहुचे.१७८६ ओर १८८५ के दोरान आल्पस् रेन्ज के काफी पीक (पह़ाड) का आरोहन कीया गया.
• ई.स १८९९ से १९१२ साल तक डॉ.हन्ट ओर उनकी पत्नी (आयु ५६) मोर्डन ईकयुपमेन्ट की मदद से पेरामीक पीक पर अेक्सपीडीशन किया गया.
• ई.स १९०७ में ब्रीटीश आरोहक “ लोग स्टोह ” त्रिशुल सर किया.
• ई.स १९२२ में पर्वतारोहन में ओक्सिजन का प्रयोग किया गया.
• पहेले ओर दुसरे विश्व युध के दोरान पर्वतारोहको को (Mountaineer’s) को केद किया गया. ईस वजह से पर्वतारोहन की प्रवृति में काफी मंदी आई लग-भग बंध ही हो गई.