Nobody can escape from death, he will find you.

in hindi •  7 years ago  (edited)

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एक बादशाह ने एक दिन सपने में अपनी मौत को आते हुए देखा। उसने सपने में अपने पास खड़ी एक छाया देख, उससे पूछा, ‘‘तुम कौन हो? यहां क्यों आई हो?’’
उस छाया या साये ने उत्तर दिया, ‘‘मैं तुम्हारी मौत हूं और मैं कल सूर्यास्त होते ही तुम्हें लेने तुम्हारे पास आऊंगी।’’
आधी रात को ही उसने अपने सभी अकलमंद लोगों को बुलाकर पूछा, ‘‘इस सपने का क्या मतलब है? यह मुझे खोज कर बताओ।’’

उन लोगों ने बड़ी-बड़ी पोथियां उलटनी शुरू कीं और फिर उन लोगों में चर्चा-परिचर्चा के दौरान बहस छिड़ गई। बादशाह बहुत अधिक व्याकुल हो उठा क्योंकि सूरज निकलने लगा था और जिस सूर्य का उदय होता है, वह अस्त भी होता है। यात्रा शुरू हो चुकी थी और सूर्य डूबने में सिर्फ 12 घंटे बचे थे। उसने उन लोगों को टोकने की कोशिश की, लेकिन उन लोगों ने कहा, आप कृपया बाधा उत्पन्न न करें। यह एक बहुत गंभीर मसला है और हम लोग हल निकाल कर रहेंगे।’’

तभी एक बूढ़ा आदमी जिसने बादशाह की पूरी उम्र खिदमत की थी, वह उसके पास आया और उसके कानों में फुसफुसाते हुए कहा, यह अधिक अच्छा होगा कि आप इस स्थान से कहीं दूर भाग जाएं क्योंकि ये लोग कभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे नहीं तथा तर्क-वितर्क ही करते रहेंगे और मौत आ पहुंचेगी। मेरा आपको यही सुझाव है कि जब मौत ने आपको चेतावनी दी है तो अच्छा यही है कि कम-से-कम आप इस स्थान से कहीं दूर सभी से पीछा छुड़ाकर चले जाइए। आप कहीं भी जाइएगा, बहुत तेजी से।
यह सलाह बादशाह को अच्छी लगी। बादशाह के पास एक बहुत तेज दौडऩेवाला घोड़ा था। उसने घोड़ा मंगाकर बुद्धिमान लोगों से कहा, ‘‘मैं तो अब कहीं दूर जा रहा हूं और यदि जीवित लौटा तो तुम लोग तय कर मुझे अपना निर्णय बतलाना, पर फिलहाल तो मैं अब जा रहा हूं।’’
वह बहुत खुश-खुश जितनी तेजी से हो सकता था, घोड़े पर उड़ा चला जा रहा था क्योंकि आखिर यह जीवन और मौत का सवाल था। वह बार-बार पीछे पलटकर देखता था कि कहीं वह साया तो साथ नहीं आ रहा है लेकिन वहां सपने वाले साये का दूर-दूर तक पता न था। वह बहुत खुश था, मृत्यु पीछे नहीं आ रही थी और उससे पीछा छुड़ाकर दूर भागा जा रहा था।

अब धीरे-धीरे सूरज डूबने लगा। वह अपनी राजधानी से कई सौ मील दूर आ गया था। आखिर एक बरगद के पेड़ के नीचे उसने अपना घोड़ा रोका। घोड़े से उतरकर उसने उसे धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘वह तुम्हीं हो जिसने मुझे बचा लिया।’’

वह घोड़े का शुक्रिया अदा करते हुए यह कह ही रहा था कि तभी अचानक उसने उसी हाथ को महसूस किया, जिसका अनुभव उसने सपने में किया था। उसने पीछे मुड़कर देखा, वही मौत का साया वहां मौजूद था। मौत ने कहा, ‘‘मैं भी तेरे घोड़े का शुक्रिया अदा करती हूं, जो बहुत तेज दौड़ता है। मैं सारा दिन इसी बरगद के पेड़ के नीचे खड़ी तेरा इंतजार कर रही थी और मैं चिंतित थी कि तू यहां तक आ भी पाएगा या नहीं क्योंकि फासला बहुत लम्बा था लेकिन तेरा घोड़ा भी वास्तव में कोई चीज है। तू ठीक उसी वक्त पर यहां आ पहुंचा है जब तेरी जरूरत थी।’’

One day the king saw his death coming in a dream. He saw a shadow standing near him in the dream, asked him, "Who are you? Why have you come here? '
The shadow or shadow replied, "I am your death and I will come to you when you are sunset tomorrow."
At midnight, he called all his smart people and asked, "What does this dream mean? Find it and tell me. "

Those people started pouring out large religious books, and then there arose a debate during discussions in those people. The Emperor became very upset because the sun started coming out and the sun emerges, it also happens. The journey had started and only 12 hours were left in the sun sinking. He tried to stop them, but those people said, please do not interfere. This is a very serious issue and we will solve it. "

Then an old man who had spent the whole age of the emperor, came to him and whispered in his ears, it would be better that you should run away from this place because these people will never reach any conclusion, Will continue to argue and death will come. My suggestion is that when death has warned you, it is good that at least you go away from this place and away from everyone. You will go anywhere, very fast
This advice pleased the King The king had a very fast horse racing. He asked a wise man, "I am going somewhere now and if you return alive, then you should decide and make me your decision, but at the moment I am going now."
He could have been as happy and as fast as possible, was being blown away on the horse because it was a question of life and death. He repeatedly looked back and saw that he was not coming along, but the shadow shadows were not known far and wide. He was very happy, death was not coming back and he was running away after fleeing.

Now slowly the sun started drowning He had come several hundred miles away from his capital. After all, he stopped his horse under a banyan tree. Coming down from the horse and thanking him, he said, "He is you who saved me."

While thanking the horse, it was saying that when suddenly he suddenly felt the hand that he had experienced in the dream. He looked back and saw the death of the same person. Death said, "I also thank your horse, who runs very fast. I was waiting for you all day standing under this banyan tree and I was worried that you would come here or not, because the distance was too long but your horse is actually something. You have arrived here right when you needed it. "

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@pardeepkumar

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