नमस्कार दोस्तों । दोस्तों आज सुबह मुझे बहुत गहरी नींद आ रही थी। लेकिन ठंड बहुत हो रही थी। मैं रीजाई में लेटा हुआ हूं। नींद बहुत अच्छी आ रही है। मैं दीवार घड़ी की तरफ देखता हूं अभी सुबह के 4 बजे है लेकिन रीजाई से निकलने को मन नहीं कर रहा है। मैं फिर से सो जाता हूं। फिर मेरी आंख 5 बजे खुलती हैं। मैं रीजाई से बाहर निकलता हूं । ओर रसोई में जाता हूं । अपने लिए गर्म पानी करता हूं। जीरा डालकर पानी पीने के बाद थोड़ा योग करता हूं। कपालभाती प्राणायाम अनुलोम-विलोम करता हूं। उसके बाद ध्यान करता हूं। फिर मैं अपने लिए नाश्ता तैयार करता हूं। नाश्ते मैं दूध ओर नमकीन व बेंसन के लड्डू हैं नाश्ता करने के बाद घर का काम करता हूं। क्योंकि हमारे घर साफ सफाई का काम चल रहा है। क्योंकि आज ठंड बहुत है। इसलिए मैं आग जलाता हू
कुछ देर बाद नेतिक आ जाता हैं वह भी तापने लगता है। नेतिक मेरे भांजना है। यह बहुत ही सरारती है बच्चे भगवान का रूप होते हैं। हमें बच्चों से प्यार करना चाहिए। फिर कुछ देर बाद मेरी बहन भी आ जाती है हमें तापते हुए 3 बज जाते हैं। आज बहुत ही ज्यादा ठंड आप भी ठंड से बचकर रहें ओर बच्चों को ठंड से बचाके रखें