नकारात्मक सोच से छुटकारा कैसे पाए? नकारात्मक सोच से कैसे बचें? नकारात्मक विचारों से दूर कैसे रहें? Negative Thinking को दूर कैसे करें? बुरी सोच से छुटकारा पाने का उपाय? नकारात्मक सोच से छुटकारा पाने के उपाय? इस पोस्ट में मैं आपको कुछ ऐसी बातें बता रही हूँ जो आपको नकारात्मक सोच से दूर रखेंगी।
इन बातों को फॉलो करके आप नकारात्मक सोच से मुक्ति पा सकते है अपने बुरे वक्त में भी खुश रहे सकते है तो आईये जानते हैं उन अच्छी बातों को जो आपको negative सोच से बचा सकती हैं।
नकारात्मक विचार क्यों आते है? नेगेटिव सोच अत्यधिक चिंता, थकान और तनाव की वजह से आते है कभी - कभी negative thoughts की वजह हम खुद भी होते हैं लेकिन कुछ बातें ऐसी है जो आपको नकारात्मक सोच से दूर रख सकती हैं।
नकारात्मक सोच से छुटकारा पाने के आसान उपाय
आईये जानते है ऐसी कुछ बातें जो आपको नकारात्मक सोच से दूर रख सकती हैं!
नकारात्मक विचारों पर विश्वास करना सफलता की सबसे बड़ी रूकावट हैं।
नकारात्मक पर ज्यादा ध्यान न दें और अपने जीवन में सकारात्मक पर ध्यान केंद्रित करें।
नकारात्मक विचारों का कारण बनने से बचें।
सही रवैया अपनाने से नकारात्मक तनाव को सकारात्मक रुप में बदल सकते हैं।
आत्मविश्वास बनाए रखें, आत्मविश्वास की कमी ना आने दें क्योंकि ज्यादातर लोग आत्मविश्वास की कमी से नकारात्मक सोच के शिकार बनते हैं।
अपने अतीत के बारे में मत सोचों क्योंकि अतीत की गलतियों या भविष्य बनाने की चिंता ही नेगेटिव थिंकिंग का मुख्य स्रोत हैं।
नकारात्मक वातावरण में ना रहें, नेगेटिव थॉट्स वाले लोगों से दूर रहें।
हमेशा कुछ ना कुछ करते रहें अपने आप को व्यस्त रखें, कुछ काम नहीं है तो पॉजिटिव गाने सुनें या किताब पढ़ें।
ऐसे लोगों के साथ रहें जो खुश रहते है. हमेशा खुश रहने और हँसते रहने की कोशिश करें।
अगर कोई आपकी गलतियों पर हँस रहा है तो खुद को गलत मत समझो बल्कि सोचो की जिस - जिस पर जमाना हँसा है उसी ने इतिहास रचा हैं।
अगर आप नकारात्मक सोच से बचना चाहते है तो ऊपर बताई 10 बातों को हमेशा ध्यान रखें मुझे उम्मीद है आप इन सकारात्मक बातों को फॉलो करके नेगेटिव सोच से छुटकारा पा सकते हैं।
नकारात्मक सोच से छुटकारा पाने के लिए स्वामी विवेकानंद की कहानी-
एक बार स्वामी विवेकानंद जी कही जा रहे थे कही ब्रिज से जा रहे थे बहुत छोटा ब्रिज था उस ब्रिज के एक तरफ गहरा पानी होता है स्वामी जी के पीछे वहां कुछ बंदर लग जाते है बहुत सारे बंदर उसके पीछे पड़ जाते है और स्वामी जी को परेशान करते है स्वामी जी अपने आप को बचाने के लिए उन बंदरों से दूर भागने की कोशिश करते है।
तभी सामने से एक आदमी आता है और स्वामी विवेकानंद से बोलता है की आप इन बंदरों से डरों मत, आप जितना डरोगे ये बंदर आपको उतना ही डरायेंगे इनका सामना करोगे तो ये बंदर भाग जायेंगे।
इनका सामना करो इनसे डरो मत तो स्वामी जी उन बंदरों का सामना करने के लिए उनकी तरफ देखते है और उनकी आंखों से आंख मिलाकर चिल्लाते है और वो बंदर भाग जाते हैं।
हमारी जिंदगी में ये नेगेटिव थॉट्स भी इन बंदरों की तरह ही है आप जितना इन बंदरों से डरोगे ये आपको डरायेंगे और आपके पीछे - पीछे आते रहेंगे लेकिन जब रुककर पीछे मुड़कर इनका सामना करोगे यानि जो negative thoughts आ रहे है उनका सामना करोगे की आने दो जितने भी नकारात्मक विचार आ रहे है।
100 नेगेटिव थॉट्स आ रहे है आने दो ये हो जाएगा वो हो जाएगा से मैं नहीं डरने वाला क्योंकि मैंने एक पॉजिटिव thought पकड़ रखा है जो बहुत ज्यादा पावरफुल है मैं अपनी लाइफ में जो करना चाहता हूँ वो जो मेरा सकारात्मक विचार है वो उन हजार नेगेटिव विचारों से बहुत बड़ा हैं।
मतलब आपको नकारात्मक सोच से डरना नहीं चाहिए, अगर आप डरेंगे तो ये आप पर और ज्यादा हावी हो जाएगी. यदि आप इससे बचना चाहते है तो नेगेटिव थिंकिंग का ऐसे सामना कीजिए जैसे स्वामी विवेकानंद जी ने बंदरों का सामना किया था।
अगर आप स्वामी विवेकानंद की इस छोटी सी कहानी को और इस पोस्ट में बताई गई बातों को ध्यान में रखोगे तो आप नकारात्मक सोच से बच सकते है और हमेशा खुश रह सकते हैं।
आशा है आपको यह पसंद आया!
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