मजबूरन जलन बुझाने को नाली के पानी का लेना पड़ा सहारा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और अच्छे उपचार दिए जाने के लाख दावे कर रही है।डिप्टी सी एम ब्रजेश पाठक भी तमाम अस्पतालों का दौरा कर मरीजों का हालचाल लेते दिखाई दिए।वही जनपद एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सालय के प्राचार्य और स्वास्थ्य कर्मचारी उनके निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं आपको बता दें कि एटा मेडिकल कॉलेज खामियों के लिए लगातार सुर्खियों में बना हुआ है बावजूद उसके मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है ऐसी ही घटना आज सुबह एटा मेडिकल कॉलेज की है जहां एक वृद्ध साधु खाना बनाते समय जल गया था जिसे शनिवार को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जो आज सुबह जले हुए शरीर की आग बुझाने के लिए नाली मैं लेटने को मजबूर हो गया ।
आपको बता दें कि जनपद एटा के थाना जैथरा क्षेत्र के गांव गोसलपुर निवासी साधु रामजीलाल गुरुबार को खाना बनाते समय गैस में आग लगने से जल गया था जिसको घायल अवस्था में एटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था साधु रामजीलाल का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज की एमसीएच बिंग मैं भर्ती किया गया था जहां डॉक्टरों से दवा लगाने को कहा तो डॉक्टरों ने गार्ड को बुलाकर वृद्ध साधु को धक्का मारते हुए बाहर निकाल दिया। वृद्ध साधु रामजीलाल ने बताया कि जब से भर्ती हुआ तब से सिर्फ एक बोतल लगाकर छोड़ दिया और कोई इलाज नहीं किया जब जले हुए में जलन से साधु रामजीलाल को रहा नहीं गया तो तेज तेज से तड़पता चिल्लाने लगा इसी बात को लेकर डॉक्टरों ने गार्ड को बुलाकर लात मारकर एमसीएच बिंग मैं बने बर्न वार्ड से बाहर कर दिया। वृद्ध साधु ने बताया कि 2 दिनों से न खाना दिया है न पीने को पानी और ना ही जले हुए में कोई दवाई लगाई जब जले हुए में जलन की वजह से वृद्ध साधु तड़पने लगा तब उसने मजबूर होकर नाली में लेट कर अपनी जलन को कम किया। सवाल इस बात का है कि भर्ती होने के बाद भी मेडिकल कॉलेज में वृद्ध को उपचार न मिलने के कारण वह डॉक्टरों की लापरवाही से आग की जलन से तड़प रहे वृद्ध मजबूर होकर नाली में लेट गया। 3 घंटे से लेटे वृद्ध पर ना किसी डॉक्टर की नजर पड़ी ना ही किसी कर्मचारी की सवाल इस बात का है कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के बाद भी वृद्ध को ना दवा मिली ना खाना। जले हुए शरीर में जलन से और भूख प्यास से परेशान वृद्ध ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और कर्मचारियों पर लगाया आरोप। सवाल इस बात का है कि इतना सब हो जाने के बाद भी मेडिकल कॉलेज का कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी उस वृद्ध की मदद में नहीं आया