दोस्तों, आखिर क्यों दुनिया भर की सरकारें “क्रिप्टो करेंसी के नुकसान” ( Crypto currency ke nuksan ) को बता कर इसे बैन करना चाहती हैं. क्या आपने कभी सोचा हैं? इसी सवाल का जबाब ढूंढने की कोशिश करेंगे इस पोस्ट में. तो, दिल थाम कर इस पोस्ट को पढ़ते रहें.
दोस्तों, भारत में जब से क्रिप्टो करेंसी की लहर चली हैं. तभी से हम सब देख रहे हैं की लगातार सरकार और RBI यानि रिसर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया के तरफ से इसे बैन करने का सलाह दिया जा रहा हैं. हालाँकि सरकार के द्वारा क्रिप्टो के खरीद बिक्री पर 30% का टैक्स भी लगाया जा चूका हैं. परन्तु फिर भी RBI के गवर्नर के तरफ से इसे बैन करने की लगातार सिफारिशें आती रही हैं.
क्या सच में क्रिप्टो करेंसी देश के लिए खतरा हैं? क्या सच में क्रिप्टो करेंसी से सरकार को नुक्सान हैं? या फिर क्या क्रिप्टो करेंसी से आम लोगो का नुक्सान हैं. ये सभी सवाल हमारे मन में आक्सर गुजती रहती हैं.
आप क्रिप्टो करेंसी के नुक्सान सर्च करके यदि यहाँ आये हैं तो आप क्रिप्टो के बारे में जानकारी थोरा बहुत रखते हैं. लेकिन यदि आपके पास किसी और तरीके से ये पोस्ट पहुची हैं तो शायद हो सकता है की आपको क्रिप्टो करेंसी की ज्यादा जानकारी न हों. परन्तु घबराने की जरुरत नही हैं. कई लोग क्रिप्टो करेंसी को बिटकॉइन मान लेते हैं.
#1 विकेंद्रीकरण ( Decentralization )
जैसा की आप हर न्यूज़ में सुनते होंगे की क्रिप्टो करेंसी एक विकेंद्रित मुद्रा ( Decentalized Currency ) हैं. जो न तो किसी सरकार के अन्दर हैं और न ही किसी संस्था की अधीन. बहुत से लोग इसको क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायेदा बताते हैं. परन्तु ये सरकार के लिए सबसे बड़ी नुकसान हैं.
विकेंद्रीकरण का अर्थ – इसको हम एक उदहारण से समझने की कोशिश करते हैं. जैसे की हम लोग आज पैसे भेजने और किसी से पैसे लेने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन लें देन करते हैं. हम जब पैसे भेजते हैं तो वो पैसा हमारे बैंक से उस दुसरे व्यक्ति के बैंक में जाता हैं, फिर उस व्यक्ति को उसके बैंक से पैसे मिलते हैं.
यदि आप बाकि के 4 जबरदस्त पॉइंट को पढना चाहते हैं तो गूगल पर सर्च करे crypto by sabkuchhhindi और आपके सामने जो रिजल्ट आएगा उसपे click करके हमारे सभी क्रिप्टो से सम्बंधित पोस्ट पढ़ सकते हैं.