Wedding season & Festivities : How I spent last week [Hindi Diary]

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नमस्कार दोस्तों.....🙋

💫💫💫

दीपावली और छठ पूजा के बाद मेरे लिए काफी व्यस्त दिन थे। ये समय कैसे बिता और क्या क्या किया मैंने, इन सब बातों के बारे में आज चर्चा करूंगा। मेरी शादी अगले सप्ताह में ही है और त्योहारों का भी समय चल रहा है। यह सब देखकर काफी अच्छा लग रहा है। तो आइए शुरू करते हैं।

छठ पूजा बिताने के बाद मैं वापस इलाहाबाद चला गया था। मेरे साथ मेरा छोटा भाई भी था। उसे भी शादी के लिए ड्रेस लेनी थी। हमारा टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया था इसलिए हमें सीट नहीं मिली। छठ पूजा के बाद बहुत भीड़ होती है और टिकट मिलना लगभग नामुमकिन होता है। फिर भी हम 3rd AC बोगी में चले गए। भीड़ की वजह से को TTE भी नहीं आया जिससे की टिकट बनवाया जा सके। ट्रेन आधे घंटे लेट स्टेशन पर पहुंची और ऑटो लेकर हम अपने घर की तरफ निकल गए। उसी शाम मैं अमन को लेकर सिविल लाइंस के एक मॉल में गया जहां हमने कुछ खरीदारी की। पूरा मॉल लाइट्स से सजाया गया था क्योंकि अभी हाल ही में दीवाली बीती थी।

COBB के शोरूम में ऑफर चल रहा था जिसे हमने भुनाया। कोई भी 3 गारमेंट्स लेने पर केवल सबसे ज्यादा मूल्य के प्रोडक्ट का पैसा देना था। मैने एक ट्राउजर पैंट्स और दो शर्ट्स खरीद लिए। मेरे दोस्त को भी ये ऑफर बताया तो उसने भी दो विंटर जैकेट और एक जींस खरीद लेने के लिए बोला तो मैंने वो भी ले लिया।

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मॉल में खरीदारी करने के बाद

खरीदारी करने के बाद मेरे एक दोस्त का फोन आया जो दिल्ली से आ रहा था और उसके बैंक में कुछ काम था। शाम के 9:30 बज चुके थे और अब खाना बनाने में आलस आ रहा था। हमने पास ही में एक बाटी–चोखा रेस्टोरेंट में जाने की योजना बनाई। 10:20 बजे तक मेरा दोस्त आ गया। उसके अलावा मेरी कॉलोनी के भी कुछ दोस्त वहां आए हुए थे। फिर हमने खाना ऑर्डर किया और भर पेट खाया साथ में बहुत सारी बातें भी की। खाने में
बाटी और चोखा साथ में प्याज, चटनी, तला हुआ मिर्च भी मिल रहा था। खाना खाने के बाद हम सभी घर की तरफ चल दिए। घर पहुंच कर हम लोग थोड़ी देर तक बातें करते रहे फिर सोने चले गए।

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खरीदारी के बाद खाने का समय

अगले दिन सुबह उठने पर मैं तैयार हुआ और शुभम ने नाश्ता बनाया था। ये नाश्ता स्पेशल था जो चाय के साथ हमने खाया। नाश्ता देखकर ही मुंह में पानी आ रहा था। नाश्ता करके मैं ऑफिस चला गया और पूरा दिन सामान्य रूप से बीता। ऑफिस के काम निपटा कर मैं घर आया। फिर मैं पास ही में ही हो रहे छात्रों के धरना प्रदर्शन देखने चल गया क्योंकि उनमें से मेरे जानने वाले भी लोग थे। मैंने एक दो पुलिस अधिकारियों से इस बारे में बात की जिससे आयोग के अध्यक्ष महोदय के विचार पता चल सके पर उनके लिए भी अभी कुछ कहना संभव नहीं था। यह धरना परीक्षा के दो शिफ्ट में करने के विरोध में था। क्योंकि दो शिफ्ट में परीक्षा होने से नॉर्मलाइजेशन होता है जिससे अनिश्चितता बढ़ जाती है। खैर देर से ही सही पर परीक्षा आयोग ने छात्रों की बात मान ली और धरना खत्म हो गया लेकिन इसमें 4 दिन का समय बर्बाद हो चुका था। फिर भी अंत भला तो सब भला।

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छात्रों द्वारा धरना के समय लिया गया फोटो

उसी शाम मेरे दोस्त ने मुझसे उन जैकेट्स और जींस की फोटो भेजने को कही जो मैने उसके लिए कल खरीदे थे। मैने उन्हें पहन कर उसकी फोटोज भेज दी। वो उसे अच्छे भी लगे। फिर उस दिन की शाम को हमने खाना बनाया और कहा पी कर सो गए। अगली सुबह फिर से मुझे ऑफिस जाना था। मैं ऑफिस भले ही जा रहा था मगर मेरा मन अलग ही व्यस्त था। शादी की खरीदारी और अन्य व्यवस्थाएं कैसे करनी हैं ये सब मन में चल रहा था। शाम को मैं रेमंड्स और एक दो और मॉल में अपने लिए कपड़े ट्राई करने चला गया। रेमंड्स से कुछ कपड़े लिए जिन्हें सिलवाना था। बाकी कही मुझे कुछ पसंद नहीं आया।

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दोस्त की जैकेट और जींस

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एक कोटी ट्राई करते हुए।

इन सब से फ्री होकर घर आए तो रात के 10 बजने वाले थे। आज फिर बाहर खाने का ही मन बना। मैं और मेरे दो छोटे भाई साथ में थे। मैने सोचा आज बैचलर पार्टी ही दे देता हूं। मैने अपने दोस्तों को भी फोन किया और पास के ही एक रेस्टोरेंट में गए जिसका नाम मधुर रेस्टोरेंट है। खाना अच्छा मिलता है और स्टाफ भी काफी खातिरदारी करते हैं। हमने वहां खाने के बाद रिव्यू भी दिया। वहां पर अच्छा सेल्फी प्वाइंट भी बना हुआ है जहां सेल्फी अच्छी दिखती है। मैं यह पहले भी 2 बार आ चुका हूं। खाने से पहले हमने काफी हँसी मजाक किया था तो अब खाने के बाद हम थक चुके थे। रात के 11:30 बज चुके थे और आंखों में नींद साफ झलक रही थी। हम अपने अपने घर की तरफ चल दिए।

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घर वापस आने से पहले बैचलर पार्टी में

अगली सुबह मेरी ट्रेन थी, मैं अपने भाइयों के साथ वापस आ गया। ट्रेन काफी लेट थी उस दिन और मुझे घर पहुंचने में रात के 11 बज गए। खैर घर पहुंच कर मैंने डिनर किया और सो गया। अगले दिन मैं सुबह शादी का कार्ड लेकर अपने स्टूडेंट्स के घर गया जहां मैं पहले पढ़ाया करता था। यह देख की मेरे छोटे भाई ने दीवार पर अपनी कलाकारी का प्रदर्शन किया है। वे लोग उसकी काफी प्रशंसा कर रहे थे। चित्रकारी कड़ी सुंदर बनी थी। अगले दो दिन में देव दीपावली थी और तैयारियां जोरों पर थी। आगे की अपडेट आपको अगली डायरी में मिलेगी। धन्यवाद 🙏

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अमन की चित्रकारी

इतने धैर्य के साथ मेरी डायरी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो 🙏💐
लेखक1000024158.gif
शीर्षकWedding season & Festivities : How I spent last week [हिंदी डायरी]
दिनांक19 नवंबर 2024
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