First journey of the my life in the train

in hive-179660 •  4 months ago 
## कहानी का उद्देश्य

हेलो दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप सब लोग बहुत ही अच्छे होंगे आज मैं आप लोगों को एक अपने जीवन की ऐसी कहानी के बारे में बताऊंगा जब मैं पहली बार अपने गांव और शहर से दूर जा रहा होता हूं और पहली बार अकेले ट्रेन से यात्रा करने वाला होता हूं और मुझको गाइड करने के लिए कोई नहीं होता है यह कहानी में उन लोगों के लिए शेयर करना चाहता हूं जो लोग पहली बार अपने शहर से दूर जा रहे होते हैं और ट्रेन से यात्रा करने से डरते हैं। खास कर जब वह कभी पहले अकेले ट्रेन से बाहर सफर नहीं किए हो । मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आप लोगों को मोटिवेट करेगी और उन लोगों को मदद भी करेगी जिनको कभी ट्रेन से पहली बार यात्रा करनी हो।

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इंट्रोडक्शन

हेलो मेरा नाम प्रहलाद गुप्ता है मैं अभी 28 साल का हूं या कहानी तब की है जब मैं 17 साल का था और मैं उसे समय २०१३ में ट्वेल्थ का पढ़ाई पूरी पर पॉलिटेक्निक एंट्रेंस एग्जाम को पास किया था और मुझे अपने होमटाउन गोरखपुर से 250 किलोमीटर दूर गोंडा शहर में कॉलेज मिला था
अब मुझे वहां अपना एडमिशन लेने जाना था लेकिन कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिल रहा था जो पहले कभी ट्रेन में सफर किया हो और मेरे साथ चले क्योंकि इससे पहले मैं कभी अपने शहर से बाहर नहीं गया था तो मुझे ट्रेन में सफर करने का कोई भी एक्सपीरियंस नहीं था हालांकि मैं इससे पहले जब एंट्रेंस एग्जाम के लिए गोरखपुर गया था तो वहां पर मैंने ट्रेन को अपने जीवन में पहली बार अपने पटरी पर चलते हुए देखा था

वह दिन जब मैं सफर पर निकला

तो जब कोई व्यक्ति मुझे नहीं मिला तो मैं अकेले ही गोंडा जाने के लिए निकल पड़ा और उससे पहले जो व्यक्ति शहर आते जाते थे उनसे मिलकर गोंडा जाने की पूरी ट्रेवल की लिस्ट बना ली थी क्योंकि मुझे पहले कहां जाना है कैसे जाना है और गोंडा गोरखपुर से किस दिशा में पड़ता है यह भी नहीं पता था और उस समय गांव में स्मार्टफोन का चलन तो था नहीं और इतनी इंटरनेट की सुविधा भी नहीं थी कि मैं गूगल मैप का इस्तेमाल करता । तो जब मैं घर से निकला तो मेरे घर वालों ने जो मेरे घर पर इकलौती कीपैड फोन थी वह मुझे दे दिया और कहा कि कोई दिक्कत परेशानी हो तो पड़ोसी के फोन पर फोन कर लू और हाल-चाल देता रहूं

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स्टार्ट ऑफ जर्नी

क्योंकि गोरखपुर अब तक मैं तीन चार बार आ जा चुका था तो वहां तक जाने में मुझे कोई समस्या नहीं होने वाली थी तो मैं अपने घर से निकला और वहां से गोरखपुर के लिए एक गाड़ी अरेंज की जो गोरखपुर ही जा रही थी लेकिन वह स्टेशन तक नहीं जा रही थी वह स्टेशन से दूर ही मुझे छोड़ देगी तो मैं जब उस गाड़ी से गोरखपुर शहर के पास पहुंचा है तो वह मुझे वहां पर छोड़ दी अब मुझे यह नहीं पता था कि स्टेशन किस तरफ है मैं वहां खड़े ऑटो वालों से पूछा तो एक ऑटो वाला जो औरत स्टेशन के लिए ही सवारी भर रहा था वह बोला ऑटो में बैठ जाओ और मैं तुम्हें स्टेशन तक छोड़ दूंगा तो मैंने उससे किराए के बारे में पूछा उसने मुझे किराए का रेट बताया और मैं उसके ऑटो में बैठ गया और वह मुझे स्टेशन तक छोड़ दिया
अब स्टेशन पर पहुंचने के बाद मुझे ट्रेन में सफर करने के बारे में जानकारी लेने थी हालांकि इससे पहले मैं अपने गांव में जो लोग शहर आते जाते थे उनसे जानकारी तो ले ली थी मुझे वहां क्या करना है लेकिन फिर भी मैं एक दुकान पर गया और पानी की बोतल ली और उनसे पूछने लगा तो उन्होंने मुझे बताया कि टिकट काउंटर पर जाकर आपको टिकट लेना पड़ेगा और वहीं पर पूछ लीजिएगा की गाड़ी कितने बजे की है वह आपको सारी जानकारी दे देंगे।
जब मैं टिकट काउंटर पर पहुंचा तो मैं उनसे गोंडा के लिए टिकट मांगा और उन्होंने मुझे गोंडा का टिकट दिया और मैंने उनको पैसे दे दिए जब मैं उनसे पूछा कि गोंडा के लिए गाड़ी कितने बजे की है उन्होंने मुझे जवाब दिया कि इस टाइम से सारी गाड़ियां जो दिल्ली मुंबई की तरफ जाएंगे वह गोंडा होते हुए ही जाएंगे तो आप कोई भी गाड़ी ले लीजिएगा और ऊपर बोर्ड लगा हुआ है उस पर सारे ट्रेन के नाम आ रहे हैं आप देख लीजिए आप जाइए क्योंकि काउंटर पर काफी भीड़ थी वह भी अपने काम में व्यस्त हो गया जब मैं बोर्ड की तरफ देखा तो उसे पर बहुत सारे ट्रेनों के नाम और उनके नंबर लिखा आ रहे थे मेरे को समझ में नहीं आ रहा था कि इनका क्या मतलब है मैं वहीं पर खड़े एक सज्जन से पूछने लगा तो वह चले गए वह वाले मेरे पास टाइम नहीं है पूछताछ काउंटर पर जाकर पता करें फिर मैंने वही एक किनारे चुपचाप बैठा और थोड़ा पानी पिया मैंने सोचा कि पहले जो बॉर्डर पर लिखा हुआ आ रहा है इसका मतलब जानना होगा क्योंकि यह मेरा पहला सफर था तो मैं ऐसे ही किसी भी गाड़ी में बैठ नहीं सकता था पता नहीं वह कहां ले जाते और मुझे एडमिशन के लिए अगले दिन ही कॉलेज में रिपोर्ट करना था। तो मैं वहां पर बैठा और चुपचाप नंबरों को नाम को देखा है और उन्हें समझाने की कोशिश करता रहा । लगभग 1 घंटे बैठने के बाद उन्हें देखने के बाद और कुछ लोगों से पूछने के बाद मुझे समझ में आने लगे थे कि यह क्या है और प्लेटफार्म कौन सा है कौन से प्लेटफार्म पर कौन सी गाडी लगेगी फिर मैं प्लेटफार्म की तरफ बढ़ा।

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जीवन में जब पहली बार ट्रेन को मैंने अपने सामने देखा

जैसे ही मैं प्लेटफार्म की ओर बढ़ा और प्लेटफार्म पर गया तो मैंने पहली बार ट्रेन को अपने सामने खड़ी हुई देखा इतनी लंबी ट्रेन इससे पहले तो मै इतने करीब से ट्रेन टीवी में भी देखा था देखा था अब मैं वहां पर हो रहे अनाउंसमेंट को ध्यान से सुनने लगा हो उस एलाउंसमेंट में कभी-कभी गोंडा का भी जिक्र आता था फिर मैं उसे ध्यान से सुनने लगा तो उस एलाउंसमेंट में गाड़ी का नंबर जो गोंडा होते हुए दिल्ली को जा रहे थे और जब मैं ध्यान से सुना तो उसे गाड़ी का नाम और नंबर और प्लेटफार्म नंबर का पता चला और मैं उसे प्लेटफार्म की ओर बढ़ने लगा
थोड़ी देर बाद में उसे गाड़ी के पास पहुंच गया जो दिल्ली को जा रही थी मैं उसे गाड़ी के जनरल डब्बे में सवार हो गया वह गाड़ी अपने समय से रवाना हो गई तो मैं उसमें खड़ी कुछ यात्रियों से पूछने लगा कि यह गाड़ी गोंडा तक जाएगी या नहीं तो कुछ लोग बोले हां या गाड़ी गोंडा को जाएगी फिर मैं थोड़ा अस्वस्थ हो गया चलो अब कोई दिक्कत की बात नहीं थोड़ी देर बाद वहीं पर खड़े एक लड़के ने पूछा की भाई तुम भी गोंडा ही जा रहे हो क्या तो मैंने बोला हां तुम कहां जा रहे हो तो वह भी बोला कि मैं भी गोंडा ही जा रहा हूं मैंने पूछा क्या काम है तो उसने बताया तो उसे भी इस कॉलेज में एडमिशन लेना था जिसमें मुझे लेना था अब तो मैं बिल्कुल ही चिंता मुक्त हो गया था क्योंकि अब मुझे एक सहपाठी भी मिल गया था जो मेरे जैसे ही सफर पर निकला था फिर हम लोगों ने रास्ते में बातें की और उसके घर के बारे में पूछा और उसने भी मेरे घर के बारे में पूछा और ऐसे ही जान पहचान होने लगी अब हम दोनों गोंडा पहुंच गए जब हम गोंडा पहुंचे तो काफी रात हो चुकी थी लगभग रात के 9:00 बज चुके थे तो हमने वही स्टेशन पर ही रहने का प्लान बनाया और फिर सुबह अपने कॉलेज की तरफ बढ़ने के बारे में सोचा तो यह मेरे जिन्दगी की पहली ट्रेन की जर्नी थी जो मैंने अकेले की अब तो ट्रेन से इतने सफर करने लगा हूं कि अब आदत सी बन गई है इससे मुझे यह सीख मिलता है कि कोई भी काम पहले टाइम में कठिन तो लगता है लेकिन जब आप उसे करने का ठान लो तो आपके लिए वह आसान होता जाता है और आपको बहुत सी नई नई चीज़ सीखने की मौका भी मिलता है मुझे आशा है कि यह कहानी आप लोगों को बहुत ही पसंद आई होगी और नए लोगों को मोटिवेट भी करेगी

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आपकी डायरी पढ़कर अच्छा लगा @prahlad9198 , आशा करता हूँ आप ऐसी ही अच्छी डायरी पोस्ट करते रहेंगे। दूसरे लोगों को फॉलो करें और उनकी पोस्ट को upvote करें साथ ही अपने comments भी दें। आपका दिन शुभ हो 🙏