स्वतंत्रता का सदुपयोग या दुरुपयोग | First Ever Post on Steemit

in hive-196725 •  4 years ago 

क्या महिलाएँ वास्तव में स्वतंत्र हैं?

“हम कहते हैं कि हमने बहुत पहले ही स्वतंत्रता प्राप्त कर ली थी लेकिन क्या हमारे देश कि महिलाएँ इसका प्रभावी उपयोग कर रहीं हैं?”

यह हमें उन बालिकाओं,महिलाओं के बारे में सोचने के लिए मजबूर करता है जो अपना सपना नही जी पाने की वजह से पीड़ित हैं और किसी को भी उनकी परवाह नही है।

हमारे देश में, हमें कुछ मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं, जिसमें शिक्षा, भाषण आदि जैसी कई चीजों की स्वतंत्रता शामिल है, लेकिन क्या हमारे देश की बालिकाओं, महिलाओं ने वास्तव में इन स्वतंत्रताओं का सदुपयोग किया है जो कि सभी के बराबर हैं?

हर लोग आजादी को अलग अलग रूप में देखते हैं, अधिकतर लोगों का सोचना है कि वे जो भी करना चाहते हैं और उन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए जो कि कुछ हद तक सही भी है पर जरा सोचिए आपके घर में महिलाओं व पुरुषों में समान रूप से प्रतिबंध है?

अब आइए समझये हैं कि हमारे लिए स्वतंत्रता क्या है , हमारे लिए स्वतंत्रता स्वतंत्र रूप से अपने खुद के सपने को जीने का निर्णय ले पाना है, क्या ऐसा महिलायें कर पाती हैं?

आज़ादी हमें यह जानने का अवसर प्रदान करती है है कि हम वास्तव में कौन हैं? हमारे जीवन का मुख्य उद्देश्य क्या है? हमारी ताकत और कमजोरियों को पहचाने के प्रेरित करती है लेकिन क्या महिलायें इसका सदुपयोग कर पाती है और यदि नहीं तो क्यों?

ऐसा कर पाने पर ही हमारे देश की महिलाओं को मजबूत होने और बिना किसी डर के दुनिया का सामना करने में मदद मिलेगी क्योंकि अब वो खुद को अंदर और बाहर दोनो प्रारूप में भली भाँति जानेंगी।!

वास्तव में आज़ादी हमें हमारी जिम्मेदारियों से जुड़ने में सक्षम बनाती है, इस प्रकार सभी चुनौतियों को संभालने से हमें असीम खुशी और संतुष्टि का अनुभव होता है।

आज़ादी हमें हमारी किस्मत को आंख मूंदकर स्वीकार करने से पहले हर चीज पर सवाल उठाने में मदद करती है किसी भी खतरे से डरे बिना क्या सही है और क्या गलत, इस पर सवाल करने में सहायक होती है।

सोचने की बात यह है कि क्या वास्तव में इस प्रकार हमारे देश की महिलायें आज़ादी का सदुपयोग कर पा रहीं है? आज़ादी अभी भी कई महिला युवाओं के लिए एक सपने के अलावा कुछ भी नहीं है क्योंकि अभी भी हमारे देश में महिला युवा आत्मनिर्भर होने की बात का मज़ाक़ उड़ाती हैं, अभी भी स्वतंत्रता का अर्थ उनके लिए आर्थिक स्वतंत्रता होता है वह चाहे जिस तरीक़े से हो, हम यह नही कहते कि आर्थिक स्वतंत्रता आवश्यक नही है परंतु अपने खुद के सपने अपने तरीक़े से साकार करते हुए आर्थिक व आत्मिक दोनो आज़ादी का सुख अपने आप में अनूठा अहसास है, हम व हमारी टीम आपको मिली हुई सभी आज़ादी को सही मायने में सदुपयोग करते उए वास्तविक आज़ादी का आनंद उठाने के लिए निवेदन करती है ताकि आप आपके सपने आपके अन्दाज़ में जी सकें, हमारे आपके लिए यही असली आज़ादी है।

“ये महिला दिवस एक सहानुभूति है जिसका हमें बहिष्कार करना चाहिए, आपको इस सहानुभूति की आवश्यकता नहीं है आप बस अपने ताक़त को पहचान कर आगे बढ़ते रहिए”

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