आज सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी से प्रभावित हैं। भारत भी उसकी चपेट में हैं।कोरोना के कारण भारत की आर्थिक गतिविधियां काफी प्रभावित हुई थी और कई लोग बेरोजगार हो गए व उद्योग भी इससे प्रभावित हुए।
भारत सरकार की सूझबूझ के कारण कोरोना के पहले चरण का प्रभाव कोई ज्यादा नही हुआ, शीघ्र ही सारी गतिविधियां शुरू हो गई और बेरोजगारी पर भी काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया।
जब कोरोना का प्रभाव विश्व पर होना शुरू हुआ था तब विश्व स्वस्थ्य संगठन सहित सभी देशों ने भारत को लेकर चिंता जताई थी कि विश्व की दूसरी सबसे अधिक आबादी वाला भारत इस बीमारी से प्रभावित हो गया तो क्या होगा। भारत के लोगो का समझदारी भरा व्यवहार व भारत सरकार की बेहतरीन रणनीति ने बहुत ही शीघ्रता से इस महामारी के पहले चरण के प्रभाव से निजात पा ली।
आज विश्व मे वेक्सीनेशन को ले कर बहुत हो हल्ला हो रहा हैं, बड़ी बड़ी महाशक्तियां बढ़ा चढ़ा कर आंकड़े पेश कर रही हैं, ऐसे में विश्व की घनी आबादी वाला दूसरा बड़ा देश भारत चुपचाप अपनी आबादी के 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र की लगभग आबादी को वैक्सीन लगाने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के बहुत करीब हैं। इसी उम्र के लोग इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसके अलावा अन्य बीमारियों से ग्रसित सभी को वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। भारत न सिर्फ भारत के लोगो को बल्कि विश्व के अनेक छोटे छोटे आर्थिक रूप से कमजोर देशों को मुफ्त में वैक्सीन दे रहा हैं। भारत न सिर्फ अपनी बल्कि समूचे विश्व की चिंता करता हैं और अपने वसुधेव कुटुम्बकम के भाव को चरितार्थ भी करता हैं।
अब कोरोना का प्रभाव पुनः दृष्टिगत होने लगा हैं। भारत मे भी इसका प्रभाव कई जगह दिखने लगा हैं। भारत सरकार और राज्य सरकारें इसको लेकर गम्भीर हैं और बचाव हेतु सभी समुचित उपाय कर रही हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा हैं, कि सभी आर्थिक गतिविधियों को चालू रखते हुए कोरोना को कैसे काबू में किया जा सकता हैं।
जिस गति से हम अपने वेक्सीनेशन के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, शीघ्र ही हम उसे पा लेंगे और इस महामारी के डर से निजात पा लेंगे।
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