बड़ी दूर तक महक बिखेर रहा पसगवां का परिषदीय विद्यालय लिधियाई

in lakhimpur •  3 years ago 

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लखीमपुर खीरी लगन और मेहनत के साथ कोई कार्य किया जाए, तो सफलता निश्चित प्राप्त होती है। यह कहावत ब्लॉक पसगवां के उच्च प्राथमिक विद्यालय लिधियाई के इंचार्ज प्रधानाध्यापक पर सार्थक साबित हो रही है। विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक योगेंद्र ने अपने अभिनव प्रयास व स्टाफ के सहयोग से विद्यालय की सूरत बदलने के साथ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ा दी। उनके विद्यालय में अबतक करीब 216 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण हैं। योगेंद्र के प्रयासों के चलते प्रशासन से उनके विद्यालय को सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब हासिल हुआ।

विद्यालय के भौतिक परिवेश को जीवंत व पेड़-पौधों से आकर्षक बनाया। विद्यालय मे कायाकल्प के रूप मे रंगाई- पुताई व लिखावट के ज़रिए विद्यालय को लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। विद्यालय मे छात्र-छात्राओ के नामांकन मे उतरोत्तर व्रद्धि हुई, जो वर्तमान मे कक्षा 6 से 8 मे कुल नामांकन 216 है, जिसमे समस्त स्टाफ का सहयोग प्राप्त हुआ। कंप्यूटर अनुदेशक ने बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा व खेल अनुदेशक ने खेल शिक्षा-योग शिक्षा प्रदान कर रहे। विद्यालय मे शिक्षक स्टाफ की संख्या कम होते हुए भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जा रही व विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करके प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित व पुरस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किया जा रहा है। विद्यालय मे नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति लगातार लगभग 70-75 फीसदी रहती है। एमडीएम के लिए एक किचन गार्डेन की व्यवस्था की, जिससे बच्चों को एमडीएम के जरिए ताजी सब्जी उपलब्ध होती है।
विद्यालय के तरक्की की गवाही देते रहे प्रवेश के आंकड़े
विद्यालय में नामांकन का आंकड़ा ही स्कूल के बेहतर शिक्षा की तरक्की की गहावी देते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2018-19 में 186, 2019-20 में 192, 2020-21 में 216, 2021-22 में 224, जबकि वर्ष 2022-23 में 216 नामांकित हुए है, प्रयास जारी है, पिछले रिकॉर्ड को तोड़ेगा। जो कि जिले के सभी परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए अनुकरणीय हैं।
स्मार्ट टीवी से विद्यालय को स्मार्ट बनाने का हुआ प्रयास
विद्यालय मे इंचार्ज प्रधानाध्यापक योगेंद्र त्रिवेदी ने निजी संसाधनों व जनसमुदाय की भागीदारी से एलईडी स्मार्ट टीवी व डीटूएच की व्यवस्था की। जिससे विद्यालय में शिक्षण को रुचिकर बनाने के साथ ही डिजिटल बनाया। विद्यालय मे एक रीडिग् कॉर्नर व खेल सामग्री के जरिए बच्चे रुचिपूर्वक् शिक्षा ग्रहण कर रहे। यहां इंचार्ज प्रधानाध्यापक सहित स्टाफ के सेवाभाव तथा सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय को स्मार्ट क्लास बना दिया है। शिक्षकों के हमेशा अपग्रेड रहने से यहां अभिभावकों का सरकारी विद्यालय में एडमिशन कराने का रुझान बढ़ा है। विद्यालय में 216 बच्चों का नामांकन है। जबकि यहां मात्र एक सहायक अध्यापक, दो अनुदेशक एवं एक अनुचर की तैनाती है।
स्कूल के क्लास रूम कराते ट्रेन का आभास, मिली पहचान
योगेंद्र की मेहनत-लगन व विद्यालय के कुछ कर गुजरने की चाहत ने विद्यालय के क्लास रूम को ट्रेन के डिब्बों के रूप में सजाया व संवारा। विद्यालय के कक्षा-कक्षों को बाहर से इस प्रकार पेंट किया गया कि बाहर से देखने पर वह ट्रेन के स्वरूप में नजर आता है। आज गांव के लोग उसे ट्रेन वाले स्कूल के नाम से ही जानते हैं।
स्कूल की दीवारें दे रही स्कूल चलने का पैगाम*
लिधियाई उच्च प्राथमिक विद्यालय के गेट से लेकर बाउंड्री वॉल इस तरह रंग रोगन किया गया कि वह स्कूल चलने के पैगाम को बयां कर रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक का पूरा फोकस इस बात पर है कि लोग गुजरे तो वह एक बार विद्यालय देखने को बेताब अवश्य हो।
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