आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों, हम इसी तरह अपने कामों को टालते रहते हैं। जो काम आज हो सकता है, उसे कल पर टाल देते हैं और कल आने पर परसों। इसी तरह समय बीतता जाता है और एक-एक दिन के साथ हमारे कामों का बोझ बढ़ता जाता है।
जैसे जैसे हमारे कामों का बोझ बढ़ता जाता है तो हम उन कामों को करना ही छोड़ देते हैं और ऐसे में कई बार हम अपने जरूरी काम भी नहीं कर पाते और फिर बाद में उसी का अफ़सोस करते हैं। अपने काम को टालते रहना या फिर हर काम में काम चोरी करना असफल लोगों की निशानी है। जो काम आप आज और अभी कर सकते हैं उसे कभी भी कल पर ना टालें।
अपने आलस को अपनी जिंदगी से दूर रख कर उस काम को आज ही निपटा लें। 'मेरी सलाह है कि जो काम आप आज कर सकते हैं, उसे कल पर ना छोड़े। टालमटोल का रवैया समय का सबसे बड़ा चोर है।'