एसके0 सोनी

in news •  7 years ago 

रायबरेली । बैसवारा विकास समिति का पिछले कई वर्षो से रायबरेली एवं बैसवारा परिक्षेत्र में सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न-विभिन्न समय पर अपने कार्यक्रम आयोजित करती रही है। इसी कड़ी को लेकर सारस होटल में पत्रकारों से रूबरू होते हुए समिति के अध्यक्ष मुकेश बहादुर सिंह ने कहा कि इस वर्श भी समाज के उन तमाम प्रबुद्व जनों को वरिष्ठ नागरिकों, युवाओं एवं ऐसे साथियों को मै बताना चाहता हूँ कि मै रायबरेली और बैसवारा की ऐतिहासिक पंरम्पराओं, संस्कृतिक, साहित्य, षौर्य अध्यात्म तथा बैसवारे में जन्मी उन तमाम विभुतियों की स्मृतियों को न केवल चिरंजीवी रखने के लिए इस बार भी बैसवारा समिति द्वारा भव्यता पूर्व कार्यक्रम आयोजित करेंगी जिसकी रूपरेखा अभी से तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि मै यह कोई राजनीतिक लाभ पाने के लिए नहीं करता हूँ बल्कि मै उन लोगों की मदद करता हूँ जो मेरे पास आते है किसी आषा को लेकर की मेरे पास आने से उनके काम बन जायेगें मै उनकी बात को सुनता हूँ और अगर समक्ष में आता है तो मै उनकी मदद करता हूँ । उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कई वर्शो से समिति ने ऐसे अनुकरर्णीय उदाहरण प्रस्तुत किये है जिसकी विश्वसनीयता पर कोई भी प्रतिद्वंदी प्रश्न चिन्ह नहीं उठा पाया। मै अपने को नए समय की नयी प्रहरी की भूमिका में प्रस्तु करने जा रहा हूँ । मै जो भी कार्ययोजना बना रहा हूँ यह एक साधारण कार्य योजना नहीं है क्योंकि जितना मै समझ सकता हूँ कि उत्तर प्रदेश में पहली बार ऐसी कार्ययोजना कोई लाने का प्रयास कर रहा है। जिसकी तुलना विधायक निधि एवं सांसद निधि से की जाने वाली सहायता से तुलनात्मक अध्ययन तुंरत ही शुरू कर दिया जाएगा। उन्होनें यह बताया कि हमारी सबसे पहली कार्ययोजना है कि अगस्त माह 2017 से 31 मार्च 2018 तक दस हजार साड़िया एवं दस हजार कंम्बलो का निशुल्क वितरण समाज के जागरूक व्यक्तियों के सदस्यों जनप्रतिनिधियों ग्राम प्रधानों, सभासदों, बीडीसी, एवं जिला पंचायत सदस्यों की संस्तुति के आधार पर समिति ब्लाक स्तर पर पूरे जनपद में वितरित करेंगी। उन्होंने कहा कि समिति अत्यंत गरीब 2500 परिवारों को चिन्हित करेगी और उनके परिवारों को 04 साड़ियां एवं 4 कम्बल दिये जायेंगे। इसी कड़ी में दूसरी कार्य योजना पेयजल की सुविधा हेतु निशुल्क हैण्डपंपों की स्थापना है जो माह अगस्त 2017 से 31 मार्च 2018 तक 200 निशुल्क हैण्डपंम्पों को सार्वजनिक स्थानों पर लगाने का सकल्प बैसवारा विकास समिति ने लिया है। वहीं इनकी तिसरी कार्य योजना अधिवक्ता कल्याण कोश की स्थापना करना है। चैथी कार्य योजना पत्रकार कल्याण कोश की स्थापना करना है जिसे पत्रकारों को कोई असुविधा न होने पाये और यह कोश उनकी हर सम्भव मदद करेगा। वहीं पंचवी कार्ययोजना सेवानिवृत्त जवान शहीदों के परिजनों के कल्याण हेतु कोश की स्थापना करना जिससे षहीदों के परिजनों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करना है। उन्होने कहा कि मै यह प्रयास हमेशा से करता रहा हूँ के हम लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करे। इससे हमकों न तो कोई राजनीतिक लाभ चाहिए और न ही मुझे किसी प्रकार का कोई संरक्षण चाहिए। पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्हेांने कहा कि अगर किसी को भी हमारे काम को लेकर कोई प्रश्न करना है तो वह पब्लिक प्लेस में आकर करे मै उसका सतप्रतिषत उत्तर देने का प्रयास करूंगा और आने वाले समय में बैसवारे का नाम दूर दूर तक जाना जाय यही हमारा लक्ष्य है। जो बैसवारा और महापुरूषो के स्मृति में कुछ करना चाह रहा है जिससे रायबरेली का नाम रोशन हो मै उनके साथ हमेशा खड़ा रहूगा। इसी कड़ी मे छठवी कार्ययोजना है कि निर्धन अनाथ एव असहाय व्यक्तियों के इलाज हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना, जो लोग किसी कारण वष या फिर पैसे के कारण सही ढंग से या फिर आर्थिक तंगी से अपना इलाज या अपने परिवार का इलाज नहीं करा पा रहे है तो मै उन लोगों के लिए भी पूरी तरह से खड़ा हुआ हूँ । सातवी कार्ययोजना यह है कि अगर कोई धार्मिक कार्य करता है एवं धार्मिक सास्कृतिक कार्यक्रम करता है तो बैसवारा विकास समिति उन सभी लोगों के साथ है जो ऐसे प्रयोजन करते अथवा कराते है। आठवी कार्ययोजना में सरकारी संस्थाएं आती है जो धना भाग के कारण कार्य नहीं करता पाती है उन सरकारी सस्थाओं मे मै अपने पैसे से कार्य कराऊॅंगा। मुकेश बहादुर सिंह ने कहा कि मै इससे पहले भी सरकारी संस्थाओं में मदद दे चुका हूँ जैसे 2 वर्षों तक करीब 2000 कंबल कैदियों के लिए सहायतार्थ दिया। तत्कालीन जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार के अनुरोध पर कस्तूरबा विद्यालयों को रजाई, गद्दे जिनकी संख्या 850 के लगभग थी बैसवारा विकास समिति ने प्रचंड ठंड में अनुरोध को तत्काल स्वीकार करते हुए उपलब्ध कराया। वहीं नौवी कार्य योजना क्षेत्रीय खेलकूद को प्रोत्साहन देना है जिससे रायबरेली जनपद के उन होनहार खिलाडियों को खोज निकालना है जो प्रतिभा होते हुए भी कुछ कर नहीं सके और अपना मनमार कर घर बैठे हुए है। बैसवारा विकास समिति ऐसे खिलाडियों को प्रोत्साहित कर रायबरेली को ओलम्पिक में लाने का प्रयास करेगी।

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