Ek Gazal Dedicated to my loving brother Rakesh Nadaan

in poetry •  7 years ago 

Bhai Shab.jpg

हथेली सामने रखना, के सब आंसू गिरे इसमें,
जो रुक जाये होठों पर, समझ जाना के वो मै हूँ |

कभी जब चाँद को देखो, तो तुम यूं मुस्कुरा देना,
के फिर बादल भी आ जाएँ, समझ जाना के वो मै हूँ |

जो चल जाए हवा ठंडी, तो ऑंखें बंद कर लेना,
जो झोंका तेज़ हो सबसे, समझ जाना के वो मै हूँ |

जो ज्यादा याद आऊं मै, तो रो लेना जी भर के,
अगर हिचकी कोई आये, तो समझ जाना के वो मै हूँ |

Ek Gazal Dedicated to my loving brother @rakeshnadaan

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