(इतना संगीन पाप कौन करे ,
मेरे दुःख पे विलाप कौन करे )
सोचा था कोई तो कहेगा ,
रोक लो ..मत जलाओ मेरी लाश को ...
के ये मेरा प्यारा है .
ज़िंदा थे तो किसीने पानी न पूछा , अब वो
व्हाट्सप्प पर बस रोने वाले इमोजी और अमेज़न से सस्ते वाले सफेद कपडे सबके लिए खरीदे जा रहा है.l
खुशिओं के आशिक़ होते तो ज्यादा अच्छा होता
वो तो खरीदारो की तरह खुशिओं की कीमत लगा कर बैठा है l
गंगाजल मुँह में उड़ेलने की इतनी जल्दी देखी मैंने,
बास के डंडे से सर पर वॉर करने की अजीब से ख़ुशी देखी मैंने
असल बात तो बाद में पता लगी ..कि
मेरे शरीर में लगी आग से
उसको गर्मी लग रही थीl
पागल था .
नौकर को चार पांच सो दे देता
आराम से घर में बैठ कर ,
ठंडी हवा का लुत्फ़ उठा कर ,
लाइव शो देख लेता l
आजकल तो यहि ट्रेंड है
कहीं किसीको मेरे साथ ही न निकलना पड़ जाए l
खुश रहो
मस्त रहो
अस्त वयस्त मर रहो
आये हो तो जाना भी होगा
जब तक मन है
जब तक मन है
गुज़रे हुए को भी एक दिन तो
लौट के आना ही पड़ेगा l
जब तक ख़ुशी ख़ुशी से कोई हर पल न बीते
हर ज़िंन्दगी में
आने जाने का किराया तो चुकाना तो पड़ेगा ल
ख़ुशी वो किराया है
जिसने चुका दिया
वो आज़ाद है
जो दुखी है
वो बड़ा ज़िद्दी है