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in shreekrishnaa •  6 years ago  (edited)

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
रविवार सप्तमी 2 सितम्बर सुबह सूर्योदय से रात्रि 8:47 तक ।

इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2 सितम्बर रात्रि 8:48 से शुरू होगी ।

धर्मग्रंथों के एक मत अनुसार एकादशी, जन्माष्टमी जैसी तिथियों को उदया व्यापिनी मनानेवाले जन्माष्टमी 3 तारिख को मना रहे हैं ।

भगवान श्रीकृष्ण के प्रसिद्ध मुख्य स्थानों द्वारका, मथुरा, वृंदावन, ब्रज, नाथद्वारा, डाकोर आदि में भी जन्माष्टमी 3 सितम्बर को मनायी जायेगी ।

अहमदाबाद आश्रम में भी 3 सितम्बर को
जन्माष्टमी मनायी जायेगी ।

आश्रम के कैलेंडर में भी 3 सितम्बर को ही जन्माष्टमी लिखी है।

व्रत व जागरण भी 3 सितम्बर को किया जाएगा ।

⛳⛳ भगवान श्री कृष्ण का जीवन परिचय ⛳⛳
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🚩भगवान् श्री कृष्ण को अलग अलग स्थानों में अलग अलग नामो से जाना जाता है।

🚩उत्तर प्रदेश में कृष्ण या गोपाल गोविन्द इत्यादि नामो से जानते है।

🚩राजस्थान में श्रीनाथजी या ठाकुरजी के नाम से जानते है।

🚩महाराष्ट्र में बिट्ठल के नाम से भगवान् जाने जाते है।

🚩उड़ीसा में जगन्नाथ के नाम से जाने जाते है।

🚩बंगाल में गोपालजी के नाम से जाने जाते है।

🚩दक्षिण भारत में वेंकटेश या गोविंदा के नाम से जाने जाते है।

🚩गुजरात में द्वारिकाधीश के नाम से जाने जाते है।

🚩असम ,त्रिपुरा,नेपाल इत्यादि पूर्वोत्तर क्षेत्रो में कृष्ण नाम से ही पूजा होती है।

🚩मलेसिया, इंडोनेशिया, अमेरिका, इंग्लैंड, फ़्रांस इत्यादि देशो में कृष्ण नाम ही विख्यात है।

🚩गोविन्द या गोपाल में "गो" शब्द का अर्थ गाय एवं इन्द्रियों , दोनों से है। गो एक संस्कृत शब्द है और ऋग्वेद में गो का अर्थ होता है मनुष्य की इंद्रिया...जो इन्द्रियों का विजेता हो जिसके वश में इंद्रिया हो वही गोविंद है गोपाल है।

🚩श्री कृष्ण के पिता का नाम वसुदेव था इसलिए इन्हें आजीवन "वासुदेव" के नाम से जाना गया। श्री कृष्ण के दादा का नाम शूरसेन था..
श्री कृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के राजा कंस की जेल में हुआ था।

🚩श्री कृष्ण के भाई बलराम थे लेकिन उद्धव और अंगिरस उनके चचेरे भाई थे, अंगिरस ने बाद में तपस्या की थी और जैन धर्म के तीर्थंकर नेमिनाथ के नाम से विख्यात हुए थे।

🚩श्री कृष्ण ने 16100 राजकुमारियों को असम के राजा नरकासुर की कारागार से मुक्त कराया था और उन राजकुमारियों को आत्महत्या से रोकने के लिए मजबूरी में उनके सम्मान हेतु उनसे विवाह किया था। क्योंकि उस युग में हरण की हुयी स्त्री अछूत समझी जाती थी और समाज उन स्त्रियों को अपनाता नहीं था।।

🚩श्री कृष्ण की मूल पटरानी एक ही थी जिनका नाम रुक्मणी था जो महाराष्ट्र के विदर्भ राज्य के राजा रुक्मी की बहन थी।। रुक्मी शिशुपाल का मित्र था और श्री कृष्ण का शत्रु ।

🚩दुर्योधन श्री कृष्ण का समधी था और उसकी बेटी लक्ष्मणा का विवाह श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब के साथ हुआ था।

🚩श्री कृष्ण के धनुष का नाम सारंग था। शंख का नाम पाञ्चजन्य था। चक्र का नाम सुदर्शन था। उनकी प्रेमिका का नाम राधारानी था जो बरसाना के सरपंच वृषभानु की बेटी थी। श्री कृष्ण राधारानी से निष्काम और निश्वार्थ प्रेम करते थे। राधारानी श्री कृष्ण से उम्र में बहुत बड़ी थी। लगभग 6 साल से भी ज्यादा का अंतर था। श्री कृष्ण ने 14 वर्ष की उम्र में वृंदावन छोड़ दिया था।। और उसके बाद वो राधा से कभी नहीं मिले।

🚩श्री कृष्ण विद्या अर्जित करने हेतु मथुरा से उज्जैन मध्य प्रदेश आये थे। और यहाँ उन्होंने उच्च कोटि के ब्राह्मण महर्षि सान्दीपनि से अलौकिक विद्याओ का ज्ञान अर्जित किया था।।

🚩श्री कृष्ण की कुल आयु 125 वर्ष थी। उनके शरीर का रंग गहरा काला था और उनके शरीर से 24 घंटे पवित्र अष्टगंध महकता था। उनके वस्त्र रेशम के पीले रंग के होते थे और मस्तक पर मोरमुकुट शोभा देता था। उनके सारथि का नाम दारुक था और उनके रथ में चार घोड़े जुते होते थे। उनकी दोनो आँखों में प्रचंड सम्मोहन था।

🚩श्री कृष्ण के कुलगुरु महर्षि शांडिल्य थे।

🚩श्री कृष्ण का नामकरण
महर्षि गर्ग ने किया था।

🚩श्री कृष्ण के बड़े पोते का नाम अनिरुद्ध था जिसके लिए श्री कृष्ण ने बाणासुर और भगवान् शिव से युद्ध करके उन्हें पराजित किया था।

🚩श्री कृष्ण ने गुजरात के समुद्र के बीचो बीच द्वारिका नाम की राजधानी बसाई थी। द्वारिका पूरी सोने की थी और उसका निर्माण देवशिल्पी विश्वकर्मा ने किया था।

🚩श्री कृष्ण को ज़रा नाम के शिकारी ने बाण मारा था।।

🚩श्री कृष्ण ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अर्जुन को पवित्र गीता का ज्ञान रविवार शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन मात्र 45 मिनट में दे दिया था।

🚩श्री कृष्ण ने सिर्फ एक बार बाल्यावस्था में नदी में नग्न स्नान कर रही स्त्रियों के वस्त्र चुराए थे और उन्हें अगली बार यु खुले में नग्न स्नान न करने की नसीहत दी थी।

🚩श्री कृष्ण के अनुसार गौ हत्या करने वाला असुर है और उसको जीने का कोई अधिकार नहीं।

🚩श्री कृष्ण अवतार नहीं थे बल्कि अवतारी थे....जिसका अर्थ होता है "पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान्"

🚩न ही उनका जन्म साधारण मनुष्य की तरह हुआ था और न ही उनकी मृत्यु हुयी थी।

🚩सर्वान् धर्मान परित्यजम मामेकं शरणम् व्रज
अहम् त्वम् सर्व पापेभ्यो मोक्षस्यामी मा शुच--
भगवद् गीता अध्याय 18,
श्री कृष्ण

❗सभी धर्मो का परित्याग करके एकमात्र मेरी शरण ग्रहण करो, मैं सभी पापो से तुम्हारा उद्धार कर दूंगा,डरो मत❗

❗जय श्री कृष्णा❗

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जय श्रीराम⛳⛳
वन्देमातरम्⛳⛳


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