Mid day meal

in very •  7 years ago 

दुर्भाग्यपूर्ण~250 बच्चों को 400 दिखाकर मुख्य शिक्षक ने किया मिड-डे मील में घपला, विभागीय जांच शुरू

** 10 दिन से नहीं बनी कढ़ी, लेकिन रजिस्टर में दर्ज मिली

** निर्देश : स्कूल में आई ग्रांट का गलत इस्तेमाल करने का आरोप, विभाग ने मुख्य शिक्षक को चार्ज छोड़ने के दिए आदेश

फतेहाबाद के अशोक नगर की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में मुख्य शिक्षक द्वारा मिड-डे-मील में बच्चों की फर्जी हाजिरी भरकर लाखों का गबन करने का मामला प्रकाश में आया है। गबन की भनक लगने के बाद शिक्षा विभाग ने जांच शुरू करते हुए मुख्य शिक्षक को चार्ज छोड़ने के आदेश दिए हैं। आरोपी शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने शिक्षा निदेशालय को लिखा है।

अशोक नगर के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में करीब 400 बच्चे पढ़ते हैं। ये बच्चे आसपास की झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं। बताया जाता है कि ये बच्चे स्कूल में आकर अपने परिजनों के साथ कागज बीनने चले जाते हैं। जिसके चलते 400 में से करीब 200-250 बच्चे ही स्कूल में आते हैं।

पता चला है कि पाठशाला के मुख्य शिक्षक इंद्रमोहन ने गैर हाजिर रहने वाले बच्चों का नाम काटने की बजाए मिड-डे मील के रजिस्‍टर में उनकी पूरी हाजिरी दिखानी शुरू कर दी। इंद्रमोहन ने करीब चार साल पहले इस स्कूल में मुख्य शिक्षक के तौर पर ड्यूटी संभाली थी।

सरकार की ओर से प्राइमरी विंग में प्रत्येक बच्चे के लिए 4 रुपये 13 पैसे के हिसाब से मिड-डे मील पर खर्च किया जाता है। यानी 150 से 200 बच्चों की प्रतिदिन फर्जी हाजरियां लगाई गई। इस हिसाब से मुख्य शिक्षक ने विभाग को प्रतिदिन करीब एक हजार रुपये का चूना लगाया है। मिड-डे मील ग्रांट से संबंधित पूरा रिकाॅर्ड मुख्य शिक्षक अपनी अलमारी में रखता और अलमारी की चाबी अपने पास ही रखते हैं।

6 कमरों के लिए मिला बजट, बना दिए 7 कमरे
शिक्षा विभाग ने स्कूल में जगह के अभाव को देखते हुए 6 नए कमरे बनाने के लिए मुख्य शिक्षक इंद्रमोहन को 5 सितंबर 2016 को 18 लाख 72 हजार रुपये का बजट दिया था। निर्माण कार्य की इंट्री एमबी के अनुसार अब तक कमरों पर 16 लाख 55 हजार रुपये की राशि खर्च हुई है।

करीब अढ़ाई माह से निर्माण कार्य बंद पड़ा है और छत पर बनी कक्षाओं में बिजली फिटिंग टाइलें नहीं लगी है और ही अलमारियां बनाई गई है। क्लासों के अंदर-बाहर रंग भी नहीं हुआ है। इन सभी पेंडिंग पड़े कामों को पूरा करवाने के लिए एसएमसी अकाउंट में दो लाख 17 हजार रुपये होने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है।

मुख्य शिक्षक ने माना, गैर हाजिर छात्रों की लगाई हाजिरी
मुख्य शिक्षक इंद्रमोहन ने माना कि उन्होंने गैर हाजिर होने वाले बच्चों की रजिस्‍टर में हाजिरी लगाई थी। लेकिन उन्होंने बच्चों के भविष्य को देखते हुए ऐसा किया था। गैर हाजिर बच्चों को विभाग की ओर से छात्रवृत्ति वर्दी नहीं मिलती। बजट आने के कारण उन्होंने बैंक में जमा राशि को निकलवाया था।

एक-एक रुपये का लेंगे हिसाब : डीईईओ

डीईईओ संगीता बिश्नोई ने बताया कि मिड-डे मील की जांच में काफी गड़बड़ी मिली है। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए बनाई गई खीर में स्कूल के रिकाॅर्ड में मुख्य शिक्षक ने 15 किलोग्राम मूंगफली के दाने दिखाए जबकि खीर में मुश्किल से 2 किलो ही दाने डाले गए।

उन्होंनें कहा कि शिक्षा निदेशालय को मुख्य शिक्षक इंद्रमोहन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा गया है। स्कूल में हुए घपले को लेकर एसओ के माध्यम से ऑडिट करवाया जाएगा और आरोपी से एक-एक रुपये की रिकवरी कराई जाएगी।

जांच में पता चला कि स्कूल में पिछले 10 दिन से दोपहर के भोजन में कढ़ी बनाई ही नहीं गई जबकि मिड-डे मील रजिस्टर में इसक इंट्री भी की गई है। इसी तरह सब्जी में राजमा की मात्रा भी काफी ज्यादा दिखाई गई है।

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Ye india hai bhai yahan sab kuch possible, sirf govt badli hai halaat nahi