श्री सतीस त्यागी जी
2012 बैच के आईएस मुकेश पांडेय ने गुरुवार रात दिल्ली में ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी.........आखिरी बाए मन की बात ......
मेरा नाम मुकेश पांडेय है। 2012 बैच का आईएएस ऑफिसर हूं। बिहार कैडर का। घर गुवाहाटी में है। पिताजी का नाम सुधेश्वर पांडेय और माताजी का गीता पांडेय है। मेरे सास-ससुर का नाम राकेश प्रसाद सिंह और पूनम सिंह है। मेरी वाइफ का नाम आयुषी है।
अगर आप ये मैसेज देख रहे हैं तो ये मेरे मौत के बाद का है। मैं बक्सर के सर्किट हाउस में इसे रिकॉर्ड कर रहा हूं। यहीं पर मैंने डिसीजन लिया कि दिल्ली जा के जीवन का अंत कर दूंगा। ये डिसीजन इसलिए लिया क्योंकि मैं अपने जीवन से खुश नहीं हूं।
मेरी वाइफ और मेरे माता-पिता के बीच बहुत तनातनी है। इससे जीना दुश्वार हो गया है। दोनों की गलती नहीं है। दोनों मुझसे प्रेम करते हैं। कभी कभी किसी चीज की अति एक आदमी को मजबूर कर देती है कि वो एक्सट्रीम स्टेप उठा ले। मेरी एक छोटी बच्ची भी है।
मेरे पास अब कोई और ऑप्शन नहीं बचा है। मैं सिंपल और पीस लिविंग आदमी हूं। जब से मेरी शादी हुई है तब से बहुत ही उथल-पुथल चल रही है। हमेशा हमलोग किसी किसी बात पर झगड़ते रहते हैं। दोनों की पर्सनालिटी बिल्कुल अलग है। चॉक एंड चीज हैं हमलोग। वो बहुत ही एग्रेसिव और एक्स्ट्रोवर्ट है। मेरा इंट्रोवर्ट नेचर है। किसी भी चीज में हमारा मेल नहीं खाता है।
बावजूद हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैंं। और ये जो मैं सुसाइड करने जा रहा हूं, इसके लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं। मेरे ऊपर किसी का दबाव नहीं है। बेसिकली मैं खुद ही जिंदगी से फ्रस्टेट हो चुका हूं। मुझे नहीं लगता है कि हम ह्यूमन कुछ ज्यादा कंट्रीब्यूट कर रहे हैं। हम अपने को ज्यादा सेल्फ इंपोर्टेंस देते हैं, कि हम ये कर रहे हैं, वो कर रहे हैं...।
जब आप पूरे यूनिवर्स में खुद को इमेजिन कीजिएगा और जो यूनिवर्स की जर्नी रही है और उसमें कितने लोग आए और कितने लोग चले गए तो पता चलेगा कि हमारा जो अस्तित्व है, उसका कोई मतलब नहीं है। हम नए-नए जाल रोज बुनते रहते हैं और अपने आप को उलझाते रहते हैं। वर्ना हमारा कोई इंपोर्टेंस नहीं है। मुझे ये बात अंदर से रियलाइज हुई।
पहले मैं सोच रहा था कि स्प्रिचुअलिज्म की तरफ मूव करूंगा और कहीं जाकर तप करूंगा। पर बाद में लगा कि यह भी व्यर्थ की चीज है। मैं एक्सट्रीम स्टेप ले रहा हूं। यह कावर्डली स्टेप है। लेकिन मुझे लगता है कि मेरे अंदर फीलिंग ही नहीं बची है जीने की तो फिर एक्जिस्टेंस का कोई मतलब नहीं है। जिसे भी ये वीडियो मिलता है वह मेरे परिवार में किसी को भी कॉल कर बता दीजिएगा कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। मैंने यही प्लान बनाया है कि झूठ बोल के दिल्ली जाऊंगा और सुसाइड कर लूंगा......
...........।।.।।।।।।....
अंत मे...साथियो पता नही ...हमारे जीवन मे कया कया होना लिखा होता है...इस साथी के पास ही देख लो....देश की सबसे बडी नौकरी मिलने के बाद भी ...इन्होंने यह कायरता वाला कदम उठा लिया...
मैनै ऐसे भी झुग्गी झोपड़ी वाले देखें है जिनके पेट मे अनाज नहीं... तन पर कपड़ा नहीं... रहने का ठिकाना नहीं.... वे लोग भी मैने हंसते मुस्कुराते हुए देखें... है...शायद इन लोगों महत्वाकांक्षा व सपने बडे न हो....
साथियो हर हाल मे खुश व मस्त रहना सीखें...सकारात्मक रहिए ...हर पल ....एक एक पल जीवन को जी कर दिखाएं....
धन्यवाद
आपका अपना
प्रहलाद सिंह डांगरा
Hi! I am a robot. I just upvoted you! I found similar content that readers might be interested in:
https://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-ias-officer-mukesh-pandey-recorded-suicidal-video-5668192-PHO.html
Downvoting a post can decrease pending rewards and make it less visible. Common reasons:
Submit