जब चलना नहीं आता था तब कोई गिरने नहीं देता था..और जब चलना सीख लिया तो हर कोई गिराने में लगा है..यही जीवन की सच्चाई है...
हर रिश्ते का मतलब ही अब सिर्फ़ मतलब है...!
अब तो रिश्तों और रिश्तेदारों के मायने बिल्कुल बदल चुके हैं रिश्तों का दूसरा नाम मतलब कहा जाए तो ग़लत न होगा।