*इंसान की सोच कुछ होती है, तो ईश्वर की सोच कुछ और ही होती है,इसलिए हमें इंसान को नही बल्कि सदा ईश्वर को समाने रख कर ही अपने सारे कर्म करने चाहिए!!
Makar sankranti ki shubhkamnaye
last year by shashiprabha (66)
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