मन्त्ररूप औषधों का कथन:
धनवन्तरिजी कहते हैं- "ओंकार" आदि मन्त्र आयु देनेवाले तथा सब रोगों को दूर करके आरोग्य प्रदान करनेवाले हैं। इतना ही नहीं देह छूटने के पश्चात वे स्वर्गकी भी प्राप्ति करानेवाले हैं। "ॐकार" सबसे उत्कृष्ट मन्त्र है। इसका जप करके मनुष्य अमर हो जाता है- आत्माके अमरत्व का बोध प्राप्त करता है अथवा देवतारूप हो जाता है। गायत्री भी उत्कृष्ट मंत्र है। उसका जप करके मनुष्य भोग एवँ मोक्ष का भागी होता है। "ॐ नमो नारायणाय"- यह अष्टाक्षर-मन्त्र समस्त मनोरथों को पूर्ण करनेवाला है। "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"- यह द्वादशाक्षर-मन्त्र सब कुछ देनेवाला है। "ॐ हूं विष्णवे नमः" यह मन्त्र उत्तम औषध है। इस मन्त्रका जप करनेसे देवता और असुर श्रीसम्पन्न तथा नीरोग हो गये। जगतके समस्त प्राणियोंका उपकार तथा धर्माचरण- यह महान औषध है। धर्म:, सद्धर्मकृत्, धर्मी- इन धर्म सम्बन्धी नामोंके जपसे मनुष्य निर्मल(शुद्ध) हो जाता है। श्रीद:, श्रीश:, श्रीनिवास:, श्रीधर:, श्रीनिकेतन:, श्रिय:पति: तथा श्रीपरम: - इन श्रीपति-सम्बन्धी नामात्मक मन्त्रपदोंके जपसे मनुष्य लक्ष्मी(धन-सम्पत्ति) को पा लेता है।
ॐ नमो नारायणाय🌷🙏🏻🚩
अग्निपुराण अद्ध्याय-२८४
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