मैं हूँ दासी तेरी दातिए,सुन ले विनती मेरी दातिए,मैया जब तक जियूं,मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥मेरा प्राणो से प्यारा पति,मुझसे बिछड़े ना रूठे कभी,
माता रानी इसे मेरी आयु लगे,
ये मनोकामना है मेरी,माँ तेरे लाल की,
माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धांगिनी,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मै हूँ दासी तेरी दातिए,सुन ले विनती मेरी दातिए,मैया जब तक जियूं,मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,मै हूँ दासी तेरी दातिए,सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मैया तू ही मेरी आस है,मेरा तुझपे ही विश्वास है,आसरा है तेरा,मुझपे करना दया,
मेरी तुझसे ये अरदास है,बिन तेरे प्यार के,
बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है,मै हूँ दासी तेरी दातिए,सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मै हूँ दासी तेरी दातिए,सुन ले विनती मेरी दातिए,मैया जब तक जियूं,मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,मै हूँ दासी तेरी दातिए,सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
ओढ़ के चुनरिया लाल मैं नाचू तेरे अंगना मे
ओढ़ के चुनरिया लाल मैं नाचू तेरे अंगना मे,
पाओ में अपने बांध के घुंगरू आठो पहर तेरे नाम को सुमरू,
और बजाऊ खड़ताल मैं नाचू तेरे अंगना मे
ओढ़ के चुनरिया लाल मैं नाचू तेरे अंगना मे
लाल है चुनरी लाल हैं चोला
रुप बड़ा माँ का अनमोला
शक्ति अजब कमाल में नाचूँ तेरे अंगना मे
ओढ के चुनरिया लाल में नाचूँ तेरे अंगना मे
बिन तेरे मोहे कुछ ना भावे
व्याकुल मन मेरा चैन न पाए,
कर दे पूरा सवाल मैं नाचू तेरे अंगना मे
ओढ़ के लाल चुनरिया लाल मैं नाचू तेरे अंगना मे
भवन में तेरे दीपक साजे
पान सुपारी चढ़े तेरे आगे
आऊँ द्वारे हर साल में नाचूँ तेरे अंगना मे
ओढ के चुनरिया लाल में नाचूँ तेरे अंगना मे