मोक्ष।
अतिशय सीमित होती है।
वह सुख दुःख के भँवरों में,
प्रायः व्याकुल हो जाया करती है।
इन भँवरो के भव-बंधन से,
वह मुक्ति खोजता रहता है।
जन्म मृत्यु के बंधन की मुक्ति से,
वह साधन अपनाया करता है।
Friends stay tuned for the remaining part which is in process.