गाय का दूध : नवजात शिशु के लिए वरदान या अभिशाप?steemCreated with Sketch.

in steempress •  5 years ago  (edited)


गाय के दूध को हमारे देश में माँ के दूध के बाद उत्तम दूध का दर्जा दिया गया है। यहाँ विभिन्न मानकों के हिसाब से हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि इसमें कितनी सच्चाई है।


गाय का दूध और इंसान का बच्चा

प्रकृति में हर स्तनधारी प्राणी अपने बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद अपना दूध पिलाता है और एक निश्चित समय बाद माँ स्वत: अपने बच्चे को दूध पिलाना बंद कर देती है।

गाय का बछड़ा 2 साल में वयस्क हो जाता है जबकि इंसान का बच्चा 2 साल में ढंग से चलना और बोलना भी नहीं सीख पाता और उसे वयस्क होने में तो 18 साल अर्थात गाय के बच्चे से 9 गुना ज्यादा समय लगता है।

किसी भी स्तनधारी पशु के दूध में उसके बच्चे के लिए उसी हिसाब से पोषक तत्वों की मात्रा होती है जैसा उसके बच्चे के विकास के लिए आवश्यक होती है।

इंसान और गाय के दूध का तुलनात्मक अध्यन

प्रोटीन

शारीरिक विकास में प्रोटीन की अहम भूमिका होती है। गाय के बछड़े का विकास मनुष्य के बच्चे की तुलना में बहुत तेज गति से होता है। गाय के दूध में माँ के दूध की तुलना में उपस्थित प्रोटीन की दुगुनी मात्रा कम समय में उसके बछड़े को एक व्यस्क प्राणी बनाने में सहायक होती है।

अगर इंसान के बच्चे को गाय का दूध पिलाया जाता है तो वह उसे पचाने में सक्षम नहीं होता और इसलिए बच्चे दूध पीने के बाद अक्सर उल्टी कर देते हैं।

वसा

इंसानों में जन्म के शुरुआती दिनों में शरीर की तुलना में मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है। इंसानों के दूध में मस्तिष्क के विकास के लिए अहम माने जाने वाले तत्व जैसे ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड नामक पॉलीअनसेचुरेटेड वसा की पर्याप्त मात्रा होती है।

गाय के दूध में इन तत्वों का आभाव होता है और संतृप्त वासा की मात्रा अधिक पायी जाती है जो बछड़े के शारीरिक विकास के लिए जरुरी होती है जिससे बछडे का वज़न 1 वर्ष के अंदर ही 200-300 किलो हो जाता है।

आयरन (लोह तत्व)

माँ के दूध की तुलना में गाय के दूध में लोह तत्व की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए अगर एक वर्ष से कम आयु के बच्चे को मुख्य आहार के रूप में गाय का दूध पिलाया जाता है तो बच्चे में लोह तत्व की कमी हो सकती है।

कैल्शियम

दूध को कैल्शियम के स्त्रोत के रूप में बहुत ज्यादा प्रचारित किया जाता है और बचपन से दिमाग में या बात बैठा दी जाती है कि कैल्शियम के लिए दूध पीना बहुत जरुरी है।

यह बात सही है की गाय के दूध में कैल्शियम की मात्रा माँ के दूध से बहुत ज्यादा होती है लेकिन गाय के दूध में उपस्थित 120mg प्रति 100 मिलीलीटर कैल्शियम की मात्रा उसके बछड़े के विशाल कंकाल को विकसित करने के लिए आवश्यक होती है जो कि इंसान के कहीं ज्यादा बड़ा होता है।

दूध में कैल्शियम होता है लेकिन कितना फायदेमंद?

माँ के दूध में उपस्थित 34 मिलीग्राम प्रति 100 मिलीलीटर कैल्शियम की मात्रा शिशु के विकास के लिए पर्याप्त होती है। गाय के दूध में उपस्थित उच्च कैल्शियम की मात्रा माँ के दूध से चार गुना तक ज्यादा होती है लेकिन माँ के दूध में उपस्थित कैल्शियम ज्यादा आसानी से शरीर में अवशोषित होता है।

गाय के दूध में उपस्थित उच्च कैल्शियम की मात्रा आयरन के अवशोषण को भी कम करती है जिससे बच्चे में आयरन की कमी हो सकती है।

बच्चे पर होने वाले दुष्प्रभाव

एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यदि गाय का दूध मुख्य आहार के रूप में दिया जाता है तो पाचन और श्वसन तंत्र में एलर्जी की सम्भावना प्रबल होती है। इसका मुख्य कारण है कि बच्चे गाय के दूध में उपस्थित प्रोटीन को पचा नहीं सकते और यह प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा प्रतिकूल प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है।

बच्चों में दूध एलर्जी के लक्षण भिन्न प्रकार के हो सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से पाचन व् श्वास तंत्र में गड़बड़ी, त्वचा पर दाने, एक्जिमा, उल्टी, दस्त, शूल, घरघराहट या अत्यधिक रोना हो सकता है।

गाय के दूध में प्रोटीन और खनिजों की उच्च मात्रा नवजात बच्चे की अपरिपक्व किडनी के लिए भी नुकसानदेह हो सकती है। और दूध गंभीर बिमारियों का कारण बन सकता है।

गाय के दूध में आयरन की अल्प मात्रा और विटामिन सी की अनुपस्थिति नवजात बच्चे के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। चूँकि एक नवजात बच्चा सिर्फ माँ का दूध ही पीता है जिसमें विटामिन सी और आयरन बच्चे की जरूरत के हिसाब से उपर्युक्त मात्रा में होता है लेकिन गाय के दूध में नहीं होता है।

आयरन की कमी शिशुओं में गाय के दूध से होने वाली प्रमुख समस्याओं में से एक है और इसका समय पर उपचार नहीं किया जाए तो बच्चे को आजीवन सीखने की अक्षमता से जूझना पड़ सकता है।

माँ के दूध का विकल्प क्या है?

वैसे तो माँ के दूध का विकल्प सिर्फ माँ का दूध ही होता है अत: इसके महत्व को जानते हुए बहुत सी जगह मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना हो चुकी है जहाँ वह माताएं अपना दूध संरक्षित कर सकती है जिनका बच्चा जीवित नहीं रहा अथवा किसी कारण से ज्यादा दूध आ रहा हो।

इस प्रकार मदर्स मिल्क बैंक में संरक्षित दूध उन बच्चों के लिए वरदान साबित हो सकता है जिन शिशुओं को किसी कारण वश उनकी माँ का दूध नहीं मिल पा रहा हो।

अगर कहीं मदर्स मिल्क बैंक की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है तो बाजार में सोया प्रोटीन और अन्य पशु प्रोटीन रहित मिल्क फार्मूला उपलब्ध हैं जिन्हे चिकित्सक की सलाह से उचित फार्मूला मिल्क दिया जाना चाहिए।



Posted from my blog with SteemPress : https://ditchdairy.in/dairy/milk-and-health/is-cows-milk-healthy-for-infants/
Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
Sort Order:  

Hi, @chetanpadliya!

You just got a 0.01% upvote from SteemPlus!
To get higher upvotes, earn more SteemPlus Points (SPP). On your Steemit wallet, check your SPP balance and click on "How to earn SPP?" to find out all the ways to earn.
If you're not using SteemPlus yet, please check our last posts in here to see the many ways in which SteemPlus can improve your Steem experience on Steemit and Busy.

Kya khoob article bataya apne!!!
Thank for sharing...

Thanks for reading and appreciating.